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नेशनल

पीएम मोदी गुरुवार को करेंगे आंध्र की नई राजधानी का शिलान्यास

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नई दिल्ली/विजयवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को आंध्र प्रदेश जाएंगे, जहां वह अमरावती में आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के शिलान्यास समारोह में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री तिरुपति हवाईअड्डे पर गरूड़ टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे। वह तिरुपति मोबाइल विनिर्माण केन्द्र का शिलान्यास करेंगे तथा तिरूमला मंदिर भी जाएंगे।

वहीं आंध्र प्रदेश में नई राजधानी अमरावती की आधारशिला रखने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुंटूर जिले के उड्डनदारायुनिपालेम में गुरुवार को दशहरे के दिन राजधानी की आधारशिला रखेंगे। आयोजन को भव्य बनाने के लिए बड़े पैमाने पर इंतजाम किए गए हैं। इसमें सिंगापुर और जापान के कई मंत्री, विभिन्न देशों के राजदूत, कई केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, कई राज्यों के राज्यपाल और अन्य राजनेता तथा औद्योगिक जगत के प्रमुख हिस्सा लेंगे।

समारोह स्थल का नियंत्रण पुलिस ने अपने हाथ में ले लिया है। उम्मीद है कि इस जगह पर राज्य के अलग-अलग हिस्सों से करीब दो लाख लोग आएंगे। प्रधानमंत्री दोपहर 12.35 बजे राजधानी की आधारशिला रखेंगे। आंध्र प्रदेश के सभी 16000 गांवों से लाई गई मिट्टी और पानी को हेलीकाप्टर के जरिए अमरावती पर छिड़का जाएगा। सभी धर्मो के पवित्र स्थलों से लाया गया पानी आधारशिला में मिलाया जाएगा।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव समारोह में शामिल होंगे। बंटवारे के बाद यह उनकी पहली आंध्र यात्रा होगी। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को खुद जाकर राव से मुलाकात की थी और उन्हें समारोह में शामिल होने का न्योता दिया था। आंध्र प्रदेश के विपक्ष के नेता वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख वाई.एस.जगनमोहन रेड्डी ने समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है। उन्होंने नायडू के नाम लिखे एक खुले पत्र में कहा है कि वह उन्हें आमंत्रित न करें। जगन का आरोप है कि राजधानी के लिए किसानों से उनकी उपजाऊ भूमि को छीना गया है।
लेकिन, सरकार का दावा है कि किसानों ने राजधानी के लिए स्वेच्छा से 30000 एकड़ जमीन दान में दी है। कुछ किसानों का समारोह में सम्मान किया जाएगा। नायडू ने राजधानी को विश्वस्तरीय ‘जनता की राजधानी’ बनाने का संकल्प लिया है। इसका मास्टरप्लान सिंगापुर ने तैयार किया है। नायडू ने जापान से शहर को बसाने में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया है। नायडू को उम्मीद है कि इस मौके पर प्रधानमंत्री आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने का ऐलान करेंगे। उन्होंने केंद्र से राजधानी के निर्माण में भी मदद की अपील की है।

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आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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