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पीएम मोदी ने दिए संकेत, ब्लैक मनी के खिलाफ उठाएंगे और कड़े कदम

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PM modi in japanकोबे (जापान)। जापान यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के नोट विमुद्रीकृत होने से लोगों को हो रही दिक्कतों को स्वीकार करते हुए शनिवार को कहा कि जरूरत पडऩे पर काले धन के खिलाफ वह और भी कठोर कदम उठाने के लिए तैयार हैं। यहां प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वह पहले ही लोगों को बेईमानी से मिला धन सफेद करने का मौका दे चुके हैं। इसके बाद उन्हें दूसरे रास्तों को अपनाने के बारे में सोचना पड़ा। विमुद्रीकरण उनमें से एक है, जिसे गुप्त रखना पड़ा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सितंबर में लोगों को अपनी बेहिसाब संपत्ति घोषित करने का मौका दिए जाने पर बैंकों द्वारा 125 लाख करोड़ रुपये प्राप्त किए गए। मोदी के मुताबिक, इसके बाद भी अगर आपको लगता है कि हालात पहले की तरह रहें तो इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। प्रधानमंत्री ने आगाह किया कि विमुद्रीकरण के बाद इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि काले धन के खिलाफ और कदम नहीं उठाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि बैंकों में जमा धन यदि विधिसम्मत नहीं पाया गया या उसके स्रोतों की जानकारी नहीं दी गई तो इसकी शुरुआत से पड़ताल की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा, मेरा स्पष्ट मानना है कि यदि बेहिसाब रुपया सामने आता है तो संबंधित बैंक खाते की शुरू से स्वतंत्र जांच की जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि इस काम में जितने लोगों की जरूरत पड़ेगी सरकार उतने लोगों को लगाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें पता है कि लोगों को कितनी परेशानी हो रही है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि दीर्घकालिक राष्ट्रहित में यह जरूरी है। मोदी ने कहा कि भारत की आम जनता 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद करने के उनके फैसले की सराहना कर रही है, लेकिन कुछ लोग राजनीतिक कारणों से सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।

जापान में पांच साल पहले 2011 में आए विनाशकारी भूकंप व सुनामी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, मैं जानता हूं यह मुश्किल है. मैं उन लोगों को सलाम करता हूं, तो पांच से छह घंटे तक कतारबद्ध होकर परेशानियां झेल रहे हैं। यह वैसा ही है, जैसे जापान में लोगों ने 2011 में आए भूकंप और सुनामी के दौरान झेला था।
उन्होंने कहा कि सरकार ने विमुद्रीकरण का निर्णय जल्जदबाजी में नहीं लिया है। बड़े नोटों को बंद करने के फैसले से पहले, लोगों को सितंबर माह तक अपनी पूंजी दिखाने के लिए 50 दिन का समय दिया गया था।

मोदी भारत-जापान वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को जापान पहुंचे थे। शिखर सम्मेलन के बाद दोनों पक्षों के बीच 10 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इसमें ऐतिहासिक नागरिक परमाणु समझौता भी शामिल रहा। मोदी शनिवार को आबे के साथ टोक्यो से शिंकनसेन हाईस्पीड बुलेट रेल का दौरा कर कोबे पहुंचे और कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज संयंत्र का दौरा किया।

मोदी ने टोक्यो और कोबे में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले दो वर्षो में यह मोदी की दूसरी जापान यात्रा रही।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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