प्रादेशिक
पीलीभीत में बाघ ने ली पांच की जान, आदमखोर घोषित
पीलीभीत/नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के तराई इलाके पीलीभीत जिले में एक आदमखोर घोषित बाघ ने पांच व्यक्तियों को अपना शिकार बनाया और अपने पांचवें शिकार को अपना निवाला बना लिया। आदमखोर बाघ को पकडऩे में लगे उत्तर प्रदेश के अधिकारी ने कहा कि उसे पकडऩे के बाद पिंजड़े में कैद किया जाएगा।
पीलीभीत जिले के वन संरक्षक वी. के. सिंह ने कहा, “आदमखोर बाघ एक अच्छा शिकारी नहीं है। वह जंगल के बाहर खेतों के आस-पास के लोगों को अपना शिकार बनाता है और वह केवल मुलायम उत्तकों को अपना निवाला बनाता है।” उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वह नर है या मादा।
ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे सिंह के अनुसार, ऐसा लगता है कि बाघ के मुंह में संक्रमण हो गया है, जिससे वह असमान्य रूप से काम कर रहा है। सिंह ने कहा कि बाघ ने पास बंधे बकरी और हिरण के बजाए, लोगों को अपना निवाला बनाया।
अधिकारियों ने बताया कि पहली बार बाघ ने पिछले साल 27 नवंबर, 11 दिसंबर और इस साल 11 जनवरी को लोगों पर हमले किए थे। पीलीभीत जिले के पूरनपुर कस्बे के पास के गांव में पांच और सात फरवरी को दो लोगों को मारने के बाद इसे उत्तर प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक ने बाघ को आदमखोर घोषित किया था।
स्थानीय लोगों के अनुसार, बाघ ने खेत के पास मच्छरदानी में सो रहे किसान को घसीटते हुए मार डाला। सिंह ने कहा कि सभी घटनाएं आठ से 12 किलोमीटर के दायरे में हुई हैं।
इसी बीच लखीमपुर खीरी जिले के दुधवा टाइगर रिजर्व से गुरुवार को बाघ को पकडऩे के लिए चार हाथियों को पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बराही के जंगलों में लाया गया है।
सिंह ने कहा, “लखनऊ चिडय़िाघर से बाघ को पकडऩे में मदद के लिए तीन पशु चिकित्सकों को लाया गया है। हम उन्हें पकडऩे की कोशिश करेंगे।”
लोगों और जानवरों के बीच संघर्ष के मामले तराई क्षेत्रों के साथ ही पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और बहराइच जिलों में बढ़ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण बस्तियों के आस-पास जंगलों का होना है।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने की गोसेवा, भवानी और भोलू को खूब दुलारा
गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गोसेवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। इसी क्रम में शनिवार सुबह भी उन्होंने मंदिर की गोशाला में समय बिताया और गोसेवा की। मुख्यमंत्री ने गोवंश को गुड़ खिलाया और गोशाला के कार्यकर्ताओं को देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए। गोसेवा के दौरान उन्होंने सितंबर माह में आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश भवानी और भोलू को खूब दुलारा।
दक्षिण भारत से लाए गए गोवंश की इस जोड़ी (एक बछिया और एक बछड़ा) का नामकरण भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया था। उन्होंने बछिया का नाम भवानी रखा है तो बछड़े का नाम भोलू। मुख्यमंत्री जब भी गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर होते हैं, भवानी और भोलू का हाल जरूर जानते हैं। सीएम योगी के दुलार और स्नेह से भवानी और भोलू भी उनसे पूरी तरह अपनत्व भाव से जुड़ गए हैं। शनिवार को गोशाला में सभी गोवंश की सेवा करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भवानी और भोलू के साथ अतिरिक्त वक्त बिताया। उन्हें खूब दुलार कर, उनसे बातें कर, गुड़ और चारा खिलाया। सीएम योगी के स्नेह से ये गोवंश भाव विह्वल दिख रहे थे।
-
आध्यात्म20 hours ago
क्यों बनता है गोवर्धन पूजा में अन्नकूट, जानें इसका महत्व
-
आध्यात्म3 days ago
दीपावली का त्यौहार आज, इन संदेशों से दे दिवाली की शुभकामनाएं
-
आध्यात्म3 days ago
दिवाली की शाम इन जगहों पर जरूर जलाया दीये, होगी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा
-
आध्यात्म3 days ago
दिवाली से पहले घर से इन चीज़ों को करें बाहर, वर्ना नहीं होगा मां लक्ष्मी का वास
-
आध्यात्म20 hours ago
आज है गोवर्धन पूजा, जानें पूजन विधि व शुभ मुहूर्त
-
नेशनल3 days ago
पीएम मोदी ने देशवासियों को दी दिवाली की शुभकामनाएं, कहा- मां लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की कृपा से सबका कल्याण
-
उत्तर प्रदेश3 days ago
दीपावली पर मुख्यमंत्री योगी ने किए श्रीरामलला के दर्शन
-
मनोरंजन17 hours ago
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान का जन्मदिन आज, जानिए उनके और गौरी के मजेदार किस्से के बारे में