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मनोरंजन

पुरस्कार काफी मायने रखता है : उषा उत्थुप (साक्षात्कार)

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नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)| गायिका उषा उत्थुप एक जाना-पहचाना नाम हैं, उनके गाए गीत ‘रम्बा हो’, ‘हरी ओम हरी’ और ‘कोई यहां आहा नाचे-नाचे’ आज भी बेहद चाव से सुने जाते हैं। उन्होंने करीब 16 भाषाओं में गाने गाए हैं, जिसमें बंगाली, हिंदी, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, अंग्रेजी, डच, फ्रेंच, जर्मन गाने भी शमिल हैं। गायिका के लिए पुरस्कार बेहद मायने रखते हैं। उन्होंेने अपनी अलग आवाज के साथ पॉप गायन में एक खास पहचान बनाई है। इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय वह अपने परिवार को देती हैं।

जेनेसिस फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित ‘रिदम एंड ब्लूज फेस्टिवल 2017’ में प्रस्तुति देने राष्ट्रीय राजधानी आईं उषा ने आईएएनएस को बताया, बिना परिवार के सहयोग के आगे बढ़ना संभव नहीं है, लोग मुझसे पूछते रहते हैं कि आपके पति आपकी मदद कैसे करते हैं। उन्होंने मेरे करियर में कभी दखल नहीं दिया है, तो इस तरह से उन्होंने मुझे सहयोग दिया है, मैं जहां पर भी हूं अपने परिवार की वजह से हूं।

अपनी अलग आवाज के साथ पॉप गायन में पहचान बनाने वाली गायिका उषा जब फिल्म ‘सात खून माफ’ के गाने ‘डार्लिग’ के लिए 2012 में जब सर्वश्रेष्ठ पाश्र्व गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था, तो उस समय वह काफी भावुक हो गई थीं। यह उनका पहला फिल्म फेयर पुरस्कार था। उन्होंने आईएएनएस को बताया कि पुरस्कार उनके लिए काफी मायने रखते हैं।

गायिका ने कहा, मेरे लिए अवार्ड काफी ज्यादा मायने रखते हैं और कई अवार्ड तो बहुत ज्यादा अहमियत रखते हैं, अगर आप मुझे एक फूल भी दे दीजिए तो भी यह मरे लिए एक बहुत बड़ी बात होगी क्योंकि यह आपके काम को पहचान मिलने और उसे सराहे जाने को दिखाता है और मैं काम के प्रति बेहद समर्पित रही हूं, नहीं तो मैं बिना किसी गॉडफादर या गाॉडमदर के इतने सालों तक तक नहीं टिक पाती। यह भगवान की कृपा है।

उषा लोकप्रिय टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के नौवें सीजन में किन्नर गौरी सुरेश सावंत के साथ नजर आई थीं। एलजीबीटी समुदाय के प्रति उनके नजरिए के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, एलजीबीटी समुदाय को मैं बहुत दिनों से सपोर्ट करते आई हूं और एलजीबीटी के लिए मैंने गाना भी गाया है। ऐसे लोगों से मेरा बेहद करीबी रिश्ता रहा है, क्योंकि मुझे लगता है कि हमारी जो बिरादरी है खासकर कला और मनोरंजन की..और देखा जाए तो फिल्मों में जहां पर इतने सारे मेकअप आर्टिस्ट हैं, डांसर हैं, उनमें बहुत सारे एलजीबीटी समुदाय के लोग होते हैं और रोज हम लोग रास्तों पर भी ऐस लोगों को देखते हैं।

उन्होंने आगे कहा, लेकिन जो दुख की बात है वह यह है कि यह उनकी गलती नहीं है। अगर एक बार हम यह स्वीकार कर लें कि उनका तो दोष ही नहीं इसमें, तो फिर बड़े पैमाने पर समाज इनके खिलाफ क्यों है? तो यह समय इस सच्चाई को स्वीकार करना शुरू करने का है। आपकी दो आंखें हैं, दो नाक हैं, होंठ हैं.. भगवान ने सबको समान चीजें दी हैं, उनको भगवान ने कुछ अलग चीजें दी हैं। यह दुख की बात है कि हम इसे अलग तरीके से नहीं लेते हैं, यह उनकी गलती नहीं है। इसलिए जब गौरी के साथ केबीसी (कौन बनेगा करोड़पति) में मैंने खेला तो यह आंखें खोल देने वाला अनुभव रहा। यह बेहद अद्भुत रहा और जब उन्होंने कहा कि उनको सब मिल गया, क्योंकि मैं उनकी रोल मॉडल हूं, तो मुझे बहुत अच्छा लगा। इस बात ने मेरे दिल को छू लिया। यह एक बेहतरीन अनुभव था।

संगीत में आने की तमन्ना रखने वाले युवाओं को दिए अपने संदेश में उन्होंने कहा, युवा अपने के प्रति समर्पित रहें और 100 प्रतिशत ईमानदार रहें, क्योंकि अगर आप ईमानदार नहीं हैं तो फिर कुछ भी काम नहीं आएगा। आपको 100 प्रतिशत ईमानदार रहना होगा और मुझे लगता है कि यह काफी अहम है। अगर भगवान ने आपको प्रतिभा दी है तो उसका सही तरीके से इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है और मैं सभी युवाओं से यही कहना चाहूंगी कि वे कोशिश करें और पीछे न हटें।

यह पूछे जाने पर कि क्या लीक से हटकर आवाज होने को लेकर उन्हें संघर्ष का सामना करना पड़ा, तो उन्होंने कहा, मैं संघर्ष को लेकर ज्यादा बात करना पसंद नहीं करती, मैं इससे इनकार नहीं करती कि मुझे संघर्ष का सामना नहीं करना पड़ा। मैंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। ऊपर-नीचे होता ही रहता है, लेकिन ऐसा हर कामकाजी महिला के साथ होता है, इसलिए हमें संघर्ष का सामना डटकर करना चाहिए और मुस्कुराते रहना चाहिए।

बड़ी बिंदी उषा के व्यक्तित्व की पहचान बन चुकी है। उन्होंने कहा कि वह इसे खुद डिजाइन करती हैं और मुंबई से ऑर्डर भी करती हैं। उन्होंेने बताया कि वह अलग-अलग चीजें करते रहने को लेकर उत्सुक रहती हैं।

उषा से जब पूछा गया कि क्या ऐसा कुछ है, जिसे वह अभी भी हासिल करना चाहती हैं तो उन्होंने कहा, बहुत सी चीजें हैं। मैं भारतीय संगीत, भारतीयता व भारत को गायन में अंतर्राष्ट्रीय नक्शे पर ले जाना चाहती हूं, जरूरी नहीं, लेकिन ऐसा होता है कि जब विदेशों में कोई म्यूजिक सिचुएशन होता है तो सारी दुनिया के लोग साथ खड़े होते हैं, साथ गाते हैं, लेकिन पता नहीं क्यों इंडिया को छोड़ देते हैं, जब वर्ल्ड फोरम होता है तो मैं वर्ल्ड फोरम का हिस्सा बनना चाहती हूं।

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मनोरंजन

अभिषेक बच्चन की फिल्म ‘आई वॉन्ट टू टॉक’ फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज, बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुई फिल्म

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मुंबई। बॉलीवुड स्टार अभिषेक बच्चन की फिल्म ‘आई वॉन्ट टू टॉक’ बीते रोज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म में अभिषेक बच्चन की एक्टिंग की भी जमकर तारीफ हो रही है। लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई है। फिल्म ने पहले दिन 25 लाख रुपयों का मामूली कलेक्शन किया है। डायरेक्टर सुजीत सिरकार की ये फिल्म क्रिटिक्स रिव्यू में भी लोगों को ज्यादा लुभा नहीं पाई। अब फिल्म ने पहले दिन निराशाजनक कलेक्शन किया है। फिल्म ने ओपनिंग डे पर 25 लाख रुपयों की कमाई मेकर्स को निराश कर दिया है।

विदेशी कलाकारों से भरी है फिल्म

अभिषेक बच्चन की इस फिल्म की कहानी रितेश शाह ने लिखी है। फिल्म में विदेशी कलाकारों की एक लंबी फौज कास्ट की गई थी। फिल्म में टॉम मैकलेरेन के साथ जेनेट कार्टर, क्रिश्टीना गोदार्द, कैप्राइस ओटीटी, जो रसेल, माइक सार्स, एलिजा किम और जुलिया मेगन सुलिवन जैसे विदेशी कलाकारों की एक्टिंग देखने को मिली है। फिल्म में लोगों ने अभिषेक बच्चन की जमकर तारीफ की है। इसके बाद भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं दिखा पा रही है। अब इस फिल्म का भविष्य इस वीकेंड पर तय हो जाएगा। फिल्म को सुजीत सिरकार ने डायरेक्ट किया है।

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