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नेशनल

पुस्तक मेला : नामवर सिंह ने 3 पुस्तकों का लोकार्पण किया

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)| विश्व पुस्तक मेले के पांचवें दिन राजकमल प्रकाशन स्टॉल पर लेखकों का जमवाड़ा रहा। सुप्रसिद्ध आलोचक नामवर सिंह ने तीन पुस्तकों का लोकार्पण किया, जिनमें सुरेन्द्र नारायण यादव की ‘अलक्षित गौरव : रेणु’, रामसागर प्रसाद सिंह की पुस्तक ‘अलुआ बुलुआ और मैं’ तथा साहित्यक पत्रिका ‘आलोचना त्रैमासिक’ शामिल रही। एक अन्य कार्यक्रम में आशा प्रभात का उपन्यास ‘मैं जनक नंदिनी’ पर लेखक के साथ प्रेम भरद्वाज और प्रभात रंजन ने परिचर्चा की, साथ ही सूर्यबाला के उपन्यास ‘कौन देश को वासी’ पर लेखिका से उषा किरण और चित्रा देसाईं ने बात की। आज के अंतिम कार्यक्रम में नासिरा शर्मा ने छह खण्डों की नई सीरीज ‘अदब में बाई पसली’ खंड 2 के तहत ‘एफ्रो-एशियाई कहानियां’ से अंशपाठ किया।

लेखक रामसागर प्रसाद सिंह ने अपनी पुस्तक ‘अलुआ बुलुआ और मैं’ के बारे में कहा, इस ग्लोबलाइज्ड दुनिया में जहां चारों ओर समरूपता का हठ पांव पसार रहा है, ऐसे में यह पुस्तक भरी दुपहरी में छांव की तरह है, आत्मकथात्मक शैली में लिखी गयी यह रचना व्यक्ति के साथ- साथ अपने समय, अंचल और ग्राम्य-संस्कृति की भी कथा कहती है।

आशा प्रभात का उपन्यास ‘मैं जनक नंदिनी’ ‘राम-सीता’ में समाहित सीता की व्यक्तिगत पहचान को मुखर करता है, वो सीता जिन्हें हमारे ग्रंथों में अलौकिक मान लिया गया, उन्हीं का लौकिक स्वरूप हमें इसमें देखने को मिलता है। जनमानस में आज तक सीता का मूक स्वरूप ही विद्यमान है सौम्यरूपा आज्ञाकारी पुत्री का, जो बिना तर्क-वितर्क या प्रतिरोध किये पिता का प्रण पूरा करने के लिए पिनाक पर प्रत्यंचा चढ़ाने वाले वर के गले में माला पहना देती है, उनके मौन को ही अब तक महिमा मंडित किया जाता रहा है।

लेखिका नासिरा शर्मा ‘एफ्रो-एशियाई कहानियां’ पुस्तक के बारे में बताती हैं, इस पुस्तक के पन्नों में विश्व-स्तर के लेखकों की कहानियों के जरिये जो प्रश्न उठाये गए हैं वे मानव समाज के बुनियादी प्रश्न हैं जो किसी भी देश और समाज के हो सकते हैं।

राजकमल प्रकाशन के कल के कार्यक्रम में दोपहर 1 बजे ‘गन्दी बात’ पुस्तक के लेखक क्षितिज रॉय द्वारा अंशपाठ, अपराह्न 3 बजे शिव रतन थानवी की डायरी ‘जगदर्शन का मेला’ का लाकार्पण और शाम 5 बजे हिंदी की फस्र्ट ऑडियो बुक शुरू करने के राजकमल प्रकाशन के उपक्रम में सहयोगी बनी ‘स्टोरी टेल’ की टीम ऑडियो बुक की संभावनाओं और मार्केट पर चर्चा करेगी।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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