नेशनल
पूर्व कांग्रेसी विधायक अमरीश भाजपा में शामिल, वालिया ने भी दी चेतावनी
नई दिल्ली| दिल्ली के पूर्व विधायक अमरीश सिंह गौतम सोमवार को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए, जबकि पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए.के.वालिया ने नगर निगम चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी छोड़ने की धमकी दी। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने निगम चुनाव के मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कुछ लोगों की नाराजगी की बात कबूली, लेकिन कहा कि ‘सच्चे कांग्रेसी पार्टी नहीं छोड़ेंगे।’
चोपड़ा ने यह भी कहा कि वालिया ने पार्टी छोड़ने की चेतावनी नहीं दी और वह शब्द उनके मुंह से निकलवाया गया। दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली तथा पूर्व मंत्री हारुन यूसुफ ने भी पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन की अगुवाई में राज्य कांग्रेस के कामकाज को लेकर चिंता जाहिर की है। पूर्वी दिल्ली के कोंडली से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक के रूप में निर्वाचित हुए अमरीश गौतम ने बिना उनसे परामर्श किए चुनाव में उम्मीदवार उतारने का कांग्रेस पर आरोप लगाया। अमरीश के बेटे अविनाश गौतम भी भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा में शामिल होने के बाद अमरीश गौतम ने कहा, “हम पार्टी को लेकर चिंतित थे। कोई हमारी चिंता को सुनने का इच्छुक नहीं था। मेरे स्वाभिमान को वरिष्ठ पार्टी नेताओं जैसे आनंद शर्मा, पी.सी.चाको और अजय माकन ने चोट पहुंचाई।” कांग्रेस ने 23 अप्रैल के नगर निगम चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए आनंद शर्मा की अगुवाई में एक समिति गठित की है।
पी.सी.चाको दिल्ली में कांग्रेस के प्रभारी हैं। गौतम ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने माकन से कई बार कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करने का आग्रह किया। मैंने यहां तक कहा कि वह भी एक विधायक रहे हैं और वह उनकी भावनाओं से परिचित हैं। मैंने उनसे पार्टी और कार्यकर्ताओं के हित में फैसला लेने को कहा। लेकिन उन्होंने मुझे नजरअंदाज कर दिया।”
गौतम ने कहा, “मैंने कांग्रेस छोड़ दी, क्योंकि मेरे क्षेत्र और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही थी और बिना हमसे परामर्श लिए टिकटों का बंटवारा किया जा रहा था। मैंने उपेक्षित महसूस किया।” दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक कुमार वालिया ने भी पार्टी से इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि वह नगर निगम चुनाव में टिकट बंटवारे से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैं बहुत दुखी हूं कि हम उन्हें (नेतृत्व) दो-तीन दिन से फोन लगा रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है। हमें अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को जवाब देना है, सभी काम रुके हुए हैं।”
वालिया ने संवाददाताओं से कहा, “आज (सोमवार) नामांकन का आखिरी दिन है और अभी भी चीजों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।” पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी नाराजगी से पार्टी हाई कमान को अवगत करा दिया है।
वालिया लक्ष्मीनगर निर्वाचन क्षेत्र से लगातार चार बार विधायक रहे हैं। वह शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली दिल्ली की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री थे और स्वास्थ्य, शहरी विकास, भूमि व निर्माण विभाग संभाल चुके हैं। वह ट्रांस यमुना क्षेत्र विकास बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी हाई कमान को मामले को सुलझाने की जरूरत है। वहीं, यूसुफ ने कहा, “मैं भी अपनी चिंता से पार्टी हाईकमान को अवगत कराऊंगा। मुझे जो भी लगता है मैं उनसे कहूंगा।”
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, “यह दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए चिंता का विषय है। इस मंच से हम निगम चुनाव के बारे में बात नहीं करते हैं। निगम चुनाव को लेकर सभी मुद्दों को डीपीसीसी के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए।”
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुभाष चोपड़ा ने कहा, “कुछ नाराजगी है, जो स्वाभाविक बात है। जिन लोगों को टिकट नहीं मिला, या जिन वरिष्ठ नेताओं के उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिला उन्हें नाखुश होने का अधिकार है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे पार्टी छोड़ रहे हैं।”
चोपड़ा ने कहा कि वालिया ने एक बार भी पार्टी छोड़ने की बात नहीं की। उन्होंने कहा, “मैंने अभी उनसे बातचीत की है और उन्होंने कहा है कि पार्टी छोड़ने के संबंध में उन्होंने कुछ नहीं कहा है।” उन्होंने कहा कि अंबरीश गौतम ने इसलिए पार्टी छोड़ी, क्योंकि उनके बेटे को टिकट नहीं मिला। चोपड़ा ने कहा, “उम्मीदवार के जीतने की क्षमता तथा कार्यकर्ताओं का विकल्प टिकट देने का मुख्य मापदंड होता है। टिकट के लिए कम से कम 39,000 कार्यकर्ताओं ने फोन पर संपर्क किया, जिसके बाद अंतिम सूची बनी।”
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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