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पूर्व सॉलिसिटर जरनल गोपाल सुब्रमण्यम आप के समर्थन में

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नई दिल्ली। पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने बुधवार को कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल राज्य के मुख्यमंत्री के फैसले को रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि यह संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के वकील सुब्रमण्यम ने सचिवों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण को लेकर दिल्ली सरकार एवं उपराज्यपाल के अधिकारों के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को कानूनी सलाह दी।

सुब्रमण्यम ने कहा कि दिल्ली सरकार के फैसलों को उपराज्यपाल रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि यह संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से यह अनुच्छेद 14 एवं अनुच्छेद 239 ए ए का उल्लंघन है और संविधान की आधारभूत संरचना के अनुसार गलत है, क्योंकि यह लोकतंत्र एवं सरकार के मंत्रिमंडल के स्वरूप की अवहेलना करती है।

दूसरे प्रावधानों में, अनुच्छेद 239 ए ए के अनुसार, “उपराज्यपाल और उनके मंत्रियों के बीच किसी मसले पर मतभेद होने की स्थिति में उपराज्यपाल मुद्दे को राष्ट्रपति के समक्ष रख सकता है और राष्ट्रपति के फैसले पर अमल कर सकता है। वहीं, फैसले में देर होने पर मसले में अपने विवेक के आधार पर निर्देश दे सकता है।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन को दिल्ली का कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किए जाने के मसले पर ठन गई है। मुख्यमंत्री ने गैमलिन पर बिजली वितरक कंपनियों के लिए लॉबिंग करने का आरोप लगाया है।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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