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बिजनेस

पेटीएम ने क्यूआर कोड यूज करने वाले व्यापारियों को दी और आजादी

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नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)| पेटीएम ने सोमवार को कहा कि उसका क्यूआर कोड दिल्ली एनसीआर में भौतिक दुकानों के लिए भुगतान के सबसे पसंदीदा साधन के रूप में उभर रहा है।

कम्पनी ने यह भी कहा कि उसके साथ पंजीकृत व्यापारी अब बिना किसी शुल्क के सीधे अपने बैंक खाते में असीमित भुगतान स्वीकार कर सकते हैं। कम्पनी ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ग्राहक दुकानों में तुरंत मोबाइल भुगतान के लिए क्यूआर को स्कैन करना पसंद करते हैं। दिल्ली एनसीआर में 4.5 लाख से ज्यादा व्यापारी अब पेटीएम स्वीकार करते हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।

पेटीएम की मजबूत सेल्स टीम वर्तमान में दिल्ली एनसीआर के ऑफलाइन व्यापारियों को सीधे अपने बैंक खातों में पैसे स्वीकार करने की सहूलियत को समझने में मदद कर रही है। यह प्लेटफार्म पूरे भारत में संचालनों का विस्तार करने हेतु व्यापारी प्रशिक्षण एवं जागरुकता उपक्रम आयोजित करने के लिए 2018 में 500 करोड़ रुपए का निवेश करेगा।

कंपनी ने यह पाया है कि दिल्ली एनसीआर में रेस्तरां, फूड आउटलेट्स और क्विक सर्विस रेस्तरां सबसे ज्यादा पेटीएम का प्रयोग कर रहे हैं। वे अब अपने उन इच्छित ग्राहकों को भी सेवाएं दे सकते हैं, जो नकद के स्थान पर डिजिटल भुगतान करना पसंद करते हैं। ऑफिसों और आईटी हब्स के पास के टी स्टॉल्स ने भी इस ओर काफी व्यापक सहयोग किया है, जबकि आवासीय इलाकों के प्रोविजन और किराना की दुकानों ने संपूर्ण मात्रा में सहयोग किया है।

पेटीएम के उपाध्यक्ष अमित वीर ने कहा, हमारा क्यूआर-आधारित भुगतान दिल्ली एनसीआर में प्रयोक्ताओं और व्यापारियों के मन में बस गया है। यह देखना काफी दिलचस्प है कि एक बार हमारे व्यापारी और उपभोक्ता सहज मोबाइल भुगतानों की ताकत का अनुभव कर लें, तो इसकी वजह से उनके बर्ताव में तेज और स्थाई परिवर्तन आता है। हम भरोसा है कि इसे अपने की यह दर आगे भी बढ़ेगी क्योंकि हमारे व्यापारी अब किसी अतिरिक्त शुल्क के बिना पूरे साल, चौबीसों घंटे पेटीएम, यूपीआई या अपने व्यापार के लिए पेटीएम क्यूआर कोड पाना अब और आसान हुआ। कार्डस से भुगतान स्वीकार कर सकते हैं। हमें भरोसा है कि इस प्रक्रिया से जुड़ी सहूलियत दिल्ली एनसीआर में ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों को कैशलेस होने में प्रेरित करेगी।

पेटीएम ने देश में क्यूआर आधारित मोबाइल भुगतानों का प्रवर्तन किया है और यह क्रेडिट/डेबिट कार्डस, नेट बैंकिंग, पेटीएम भीम यूपीआई और पेटीएम वॉलेट सहित भुगतान के सभी तरीकों का समर्थन करता है। यह ग्राहकों को ऑफलाइन और इन-स्टोर यूज-केसेस की विस्तृत रेंज प्रस्तुत करता है, जिसमें पाकिर्ंग, टोल्स, किराना स्टोर, यूटिलिटी, मंदिर, स्थानीय परिवहन, रेलवे और मेट्रो, स्कूल और कॉलेज शुल्क और चालान एवं अन्य। इस नए इजाफे के साथ, इसका लक्ष्य 2018 मध्य तक ऑफलाइन भुगतानों में 6 गुना वृद्धि लाना है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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