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खेल-कूद

पैरालम्पिक एथलीटों को सशक्त बनाना चाहते हैं भारत के पहले ब्लेड रनर

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नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)| कारगिल युद्ध के हीरो और भारत के पहले ब्लेड रनर मेजर देवेंद्र पाल सिंह का कहना है कि उन पैराथलीटों को सशक्त बनाने के लिए काम करना चाहते हैं, जो शीर्ष स्तर पर पदक के इच्छुक हैं। 44 वर्षीय सिंह ने कहा कि वह पहले पैरालम्पिक्स में हिस्सा लेना चाहते थे, लेकिन फिर उन्हें अहसास हुआ कि उनका उद्देश्य इससे कहीं बड़ा है।

सिंह ने आईएएनएस से कहा, हां, मेरी इच्छा पैरालम्पिक्स में खेलने की थी और मुझे पूरा यकीन है कि विशेष रूप से सक्षम किसी भी व्यक्ति का यह सपना होगा। वास्तव में, मैंने इसके लिए काफी कोशिश भी की, लेकिन जल्द ही मुझे अहसास हो गया कि मेरा मकसद इससे कहीं बड़ा है।

उन्होंने कहा, मैंने खुद जीतने के बजाय, उन लोगों को सशक्त बनाने का फैसला किया जो पदक जीतने के लिए समर्पित थे।

उन्होंने कहा, मैंने अपना एनजीओ – द चैलेंजिंग वन्स (टीसीओ) भी शुरू किया। आज की तारीख तक टीसीओ ने 1,400 सदस्यों के परिवार में से 400 विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों में आत्मविश्वास बढ़ाने का काम किया है और हर दिन इसके सदस्यों की संख्या बढ़ रही है। हमारी इच्छा ज्यादा से ज्यादा दिव्यांगों को प्रेरित-प्रोत्साहित करने की है, जो बदले में भारत के लिए अधिक से अधिक पदक जीते सकें।

15 जुलाई, 1999 को कारगिल युद्ध के दौरान सिंह उस समय गंभीर रूप से घायल हो गए थे जब उनके सामने 1.5 मीटर की दूरी पर एक मोर्टार शेल गिरा था। अस्पताल में शुरुआत जांच के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में उनके पैर काटकर उनकी जान बचाई गई।

इसके बावजूद सिंह ने प्रोस्थेटिक लिंब (कृत्रिम अंग) की मदद से धीरे-धीरे दौड़ना शुरू किया। वे अब तक 18 मैराथन में हिस्सा ले चुके हैं।

जेके सीमेंट पांच नवंबर से शुरू होने वाले ‘स्वच्छ एबिलिटी रन’ के दूसरे संस्करण के साथ भी सिंह जुड़े हैं। पांच दिवसीय इस आयोजन को गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पणजी से झंडी दिखाकर रवाना करेंगे और यह दौड़ बेलगावी, हुबली, मैंगलोर और बेंगलुरु से होकर गुजरेगी। इस आयोजन का मकसद सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को प्रोत्साहित करने के साथ ही विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को इसके साथ जोड़ना है।

इस आयोजन के बारे में सिंह ने कहा, आमतौर पर मैराथन का आयोजन महानगरों में किया जाता है, जिससे हम इन शहरों से आगे नहीं जा पाते हैं। मैं इसे आगे ले जाना चाहता था और ऐसे आयोजन करना चाहता था। मैंने इसके लिए कर्नल रजनीश कपूर से बात की, जो जेके सीमेंट लिमिटेड के ग्रे सीमेंट कारोबार के प्रमुख हैं। उन्हें मेरे विचार पसंद आए और उन्होंने राघवपत सिंघानिया (स्पेशल एक्जीक्यूटिव, जेके सीमेंट) से इस पर बात की, जिन्होंने इसे अपना समर्थन दिया।

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खेल-कूद

एक्सीडेंट के बाद आया मुशीर खान का पहला रिएक्शन, ‘नई जिंदगी के लिए अल्‍लाह का शुक्रिया’

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लखनऊ। क्रिकेटर सरफराज खान के छोटे भाई मुशीर खान का एक्सीडेंट के बाद पहला रिएक्शन सामने आया है। मुशीर और उनके पिता नौशाद खान ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर हेल्थ के बारे में अपडेट दी है। इसके साथ ही उन्होंने BCCI और फैंस से मिले प्यार और सपोर्ट के लिए उनका धन्यवाद अदा किया। हालंकि अब मुशीर लखनऊ के इकाना क्रिकेट स्टेडियम में होने वाला ईरानी कप का मैच नहीं खेल पाएंगे। इसको लेकर उन्होंने खेद भी व्यक्त किया है।

वीडियो में मुशीर कहते हैं, “नई जिंदगी के लिए अल्‍लाह ताला का शुक्रिया। बस यही है कि फिलहाल अब मैं ठीक हूं। मेरे साथ जो लोग थे वह भी ठीक हैं। आप लोगों की दुआओं के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।” वहीं मुशीर के पिता कहते हैं, “सबसे पहले इस नई जिंदगी के लिए मैं अपने मालिक का शुक्रिया अदा करता हूं। साथ ही साथ उन तमाम लोगों को जिन्‍होंने हमारे लिए दुआएं कीं। हमारे शुभचिंतक, हमारे फैन, रिश्‍तेदार सभी लोगों को थैंक्‍यू। बीसीसीआई का धन्‍यवाद जो मुशीर का पूरा ध्‍यान रख रही है।”

आपको बता दें कि मुशीर खान 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले ईरानी कप के लिए आजमगढ़ से लखनऊ जा रहे थे कि तभी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर उनकी कार दुर्घटग्रस्त हो गई। इस हादसे में मुशीर की गर्दन में फ्रैक्चर हो गया। इसके बाद उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वे अब खतरे से बाहर हैं। हालांकि अब वे ईरानी कप में भाग नहीं ले पाएंगे।

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