प्रादेशिक
पैसा नहीं, लेनदेन होता है काला-सफेद : सीएम अखिलेश यादव
हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को यहां उप्र पुलिस की डायल 100 गाडिय़ों को हरी झंडी दिखाई। ये गाडय़िां जालौन, महोबा और हमीरपुर जिले के लिए दी गई हैं। इस दौरान अखिलेश ने केंद्र सहित विपक्षी पार्टियों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि पैसा काला-सफेद नहीं होता बल्कि लेन-देन काला-सफेद होता है। उन्होंने बुंदेलखंड इलाके में खुले में घूम रहे पशुओं के खाने और इलाज की व्यवस्था के इंतजाम का आश्वासन दिया।
अखिलेश ने कहा, यहां जितने लोग बैठे हो बताओ कि अच्छे दिन का नारा दो साल पहले किसने दिया था। शायद आप समझ पाए या न समझ पाए कि अच्छे दिन क्या हैं, लेकिन मैं मुख्यमंत्री होने के नाते जानना चाहता हूं कि अच्छे दिन क्या हैं। वही अच्छे दिन लाने वाले ने सभी को लाइन में खड़ा कर दिया।
उन्होंने कहा, हमारे गरीब और किसान भाइयों यह मत समझना कि 500 व 1000 रुपये बंद होने से कालाधन खत्म हो जाएगा। इसके लिए हमें लडऩा होगा। पैसा कोई काला-सफेद नहीं होता। पहले दिन से कह रहा हूं कि लेन-देन काला-सफेद होता है, पैसा नहीं।
अखिलेश ने कहा, हमने कालेधन वाले, भ्रष्टाचार करने वाले को लाइन में लगवा दिया। पूरी अर्थव्यवस्था को चौपट करने का काम भाजपा सरकार ने किया है। झांसी सहित पूरे उप्र में समाजवादी सरकार ने काम किया है। 500 बेड का अस्पताल दिया है, वो बनकर तैयार हो गया है। बांदा के मेडिकल कॉलेज को भी बढ़ाया। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी बनाई, लेकिन पानी का इंतजाम नहीं हो पाया। हाथीवाले लोग (बसपा) इसके लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा, पहले शिकायत करने आप थाने में जाते थे। अब किसी गरीब को या किसी परेशान को डायल 100 से सहायता मिलेगी। 100 नंबर की इतनी बड़ी व्यवस्था कहीं नहीं हुई, जितनी उप्र में हुई है। यह देश में उदाहरण बनने जा रहा है।
अन्य राज्य
बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने आई लाखों जनता, मची भगदड़
भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित कुमुद विहार में आयोजित हनुमंत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। इसके कारण कई लोगों को चोटें आई हैं। कथा के संरक्षक बनवारी शरण महाराज ‘काठिया बाबा’ ने आयोजन समिति और पुलिस-प्रशासन पर मनमानी का आरोप भी लगाया। आयोजन स्थल पर पहुंचे कई लोगों ने कहा कि बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने आई महिलाओं को वीआईपी पास के बावजूद एंट्री नहीं दी गई। वहीं, वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण कई बार भगदड़ की स्थिति भी बनी रही।
व्यवस्था पर उठे सवाल
एक महिला चंद्रकला सुमानी ने बताया कि उनके पास वीआईपी पास थे। अगर सीटें नहीं थीं तो वीआईपी पास क्यों जारी किया गया है। यहां पर व्यवस्था काफी खराब है। पुलिस ने बिना सूचना के वीआईपी गेट को बदल दिया। कई महिलाओं ने आरोप लगाया कि अव्यवस्था के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई लोग नीचे गिरे लोगों के ऊपर से चढ़कर गुजर गए। कई लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। हालांकि, अव्यवस्था और तमाम आरोपों पर आयोजकों की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।
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