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‘पौधे से तुरंत फल की कामना ठीक नहीं’

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लखनऊ. केंद्र में काबिज नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल के कामकाज पर अलग-अलग धर्मो से जुड़े धर्मगुरुओं और धर्माचार्यो ने संतुलित प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इनका मानना है कि सरकार अच्छा काम कर रही है, अपेक्षित परिणाम और बदलाव के लिए इसे पर्याप्त समय देने की दरकार है। हालांकि कुछ धर्माचार्यो की नजर में सरकार का प्रदर्शन आशा के अनुरूप नहीं रहा।

काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती मोदी सरकार के एक साल के कामकाज को अच्छा मानकर चल रहे हैं। सरस्वती ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मोदी की विदेश नीति व आंतरिक नीति दोनों ठीक है और यह देश के सर्वागीण विकास के अनुकूल भी है।

जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा, “सालभर के पौधे से तुरंत फल की कामना करना ठीक नहीं। मोदी की कार्यप्रणाली और नीतियां दोनों उचित हैं। ऐसे में उन्हें निर्बाध गति से काम करने देना चाहिए। कम से कम तीन साल बाद इस सरकार की उपलब्धियों की समीक्षा करनी चाहिए, तभी न्यायसंगत होगा। अभी तो सरकार जमीनी काम कर रही है। इसलिए सालभर के अंदर उससे अपेक्षित परिणाम की कामना करना बेमानी है।”

हालांकि शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती मोदी सरकार से गोहत्या के मुद्दे पर नाराज हैं। वह कहते हैं, “मोदी के शासनकाल में गाय के मांस का निर्यात बढ़ गया है जो ठीक नहीं है। इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।” शंकराचार्य ने बूचड़खानों को भी बंद करने की मांग की है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी कहते हैं, “अभी एक साल ही तो बीता है, थोड़ा समय और दीजिए।” वह यह भी कहते हैं कि इस दौरान मोदी सरकार ने आशा के अनुरूप काम नहीं किया, सरकार मंहगाई भी नहीं रोक पाई। महंत हालांकि मोदी सरकार को पूर्ववर्ती कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार से बेहतर मानते हैं।

लखनऊ के शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद भी शंकराचार्य और महंत नरेंद्र गिरि की तरह ही मोदी सरकार को अभी और समय देने की बात करते हैं। उनका कहना है कि सरकार की नीतियां लागू होने में समय लगता है।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर प्रहार करते हुए मौलाना ने कहा कि कांग्रेस ने तो अपने लंबे शासनकाल में कुछ काम ही नहीं किया। नई सरकार आई है। वादों को पूरा करने के लिए नीतियां बन रही हैं। इनके लागू होने में समय तो लगेगा ही।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रवैया अल्पसंख्यकों के प्रति उदार है, लेकिन उन्हें छोटे नेताओं के अनर्गल बयानों पर अंकुश लगाना पड़ेगा।

दसनामी संन्यासिनी अखाड़ा की अध्यक्ष साध्वी दिव्या गिरी मोदी सरकार को सकारात्मक सोच वाली सरकार बताते हुए कहती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। वह भी अपेक्षित परिणाम व आशातीत बदलाव के लिए मोदी सरकार को अभी और समय देने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि साल भर में सरकार से बहुत ज्यादा अपेक्षा करना ठीक नहीं।

साध्वी दिव्या ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियां विकास करने में सक्षम हैं। इस सरकार के काम काज के तरीके औरों से अलग हैं। हालांकि उन्होंने सरकार के काम काज की समीक्षा और इसकी नीतियों का पूर्ववर्ती सरकारों से तुलना करने को भी आवश्यक बताया।

इलाहाबाद धर्मप्रांत के इसाई धर्मगुरु (कैथोलिक पादरी) फादर लियो से जब मोदी सरकार के एक साल के कामकाज पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, “मैं इतना ही चाहता हूं कि सरकार गरीबों को न भूले और बहुलतावाद की रक्षा करे।”

टीकरमाफी आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी हरिचैतन्य ब्रह्मचारी मोदी सरकार के कामकाज से असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई के मुद्दे पर वह सरकार की व्यावहारिक नीतियों से संतुष्ट नहीं हैं।

उन्होंने कहा, “गंगा की सफाई को लेकर मैं पिछले 20 वर्षो से आंदोलनरत हूं। इस सरकार से बहुत उम्मीदें थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व जल संसाधन और गंगा पुनरुद्धार मंत्री साध्वी उमा भारती ने गंगा की स्वच्छता पर बयान तो बहुत दिए, योजनाएं भी बनाई गईं, पैसे भी काफी खर्च किए गए, लेकिन हकीकत में एक वर्ष के दौरान हुआ कुछ भी नहीं।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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