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प्रधान न्यायाधीश के पास मुकदमे बांटने का पूरा अधिकार : महान्यायवादी

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नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)| महान्यायवादी के. के. वेणुगोपाल ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि भारत के प्रधान न्यायाधीश ‘मास्टर ऑफ रोस्टर’ होते हैं और उनके पास मुकदमों का न्यायाधीशों के बीच आवंटन करने और अनुशासन बनाए रखने की पूरी शक्ति है।

वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ को बताया कि मामलों का आवंटन करने की शक्ति प्रधान न्यायाधीश की जगह बहु सदस्यीय कॉलेजियम को देने से कई प्राधिकारी सामने आएंगे और टकराव व अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होगी।

वेणुगोपाल ने कहा कि अगर सर्वोच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीश अथवा कॉलेजियम मामलों का आवंटन तय करेंगे तो ‘हरेक न्यायाधीश अपनी पसंद’ जाहिर करेंगे जिससे न्यायिक प्रणाली ‘चरमरा’ जाएगी।

वेणुगोपाल ने कई फैसलों का जिक्र करते हुए इस बात को रेखांकित किया कि प्रधान न्यायाधीश मास्टर ऑफ रोस्टर होते हैं।

अदालत ने इससे पहले पूर्व कानून मंत्री व वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण की ओर से दाखिल एक याचिका पर वेणुगोपाल की मदद मांगी थी। याचिका में शांति भूषण ने महत्वपूर्ण व संवेदनशील मामलों की सुनवाई के लिए उनका बंटवारा पांच वरिष्ठतम न्यायाधीशों के द्वारा किए जाने की मांग की थी।

शीर्ष अदालत ने याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

शांति भूषण की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने पीठ को बताया कि सीधे तौर पर लोकतंत्र की रक्षा के सवालों से जुड़े संवेदनशील मामलों को प्रधान न्यायाधीश की स्वेच्छा पर नहीं छोड़ दिया जाना चाहिए।

भूषण ने अपनी याचिका में कहा कि मास्टर ऑफ रोस्टर के तौर पर प्रधान न्यायाधीश का अधिकार निर्बाध, संपूर्ण, स्वैच्छिक एकल शक्ति नहीं है जिसका उपयोग पूरी तरह स्वेच्छा से किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश को अपनी शक्तियों का उपयोग कॉलेजियम में शामिल अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों के परामर्श से करना चाहिए।

याचिका में कहा गया है कि प्रधान न्यायाधीश की राय से कहीं ज्यादा सुरक्षिम कॉलेजियम की सामूहिक राय होगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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