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प्रबंधन छात्रों के लिए खुशखबरी, डिप्लोमा की जगह मिलेगी डिग्री

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नई दिल्लीा। देश के प्रतिष्ठित 13 इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के छात्रों को नए साल में तोहफा देने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक कदम बढ़ा दिया है। ये इंस्टिट्यूट (आईआईएम) जल्द ही छात्रों को डिप्लोमा की जगह डिग्री देने का अधिकार हासिल कर लेंगे। लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार इससे संबंधित कानून बनाने को तैयार हो गई है। इससे संबंधित बिल को संसद के बजट सत्र के दौरान पेश किए जाने की संभावना है।

एचआरडी मिनिस्ट्री के अधिकारियों के मुताबिक, बिल पर लॉ मिनिस्ट्री ने विचार किया है और अभी इसमें कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘लॉ मिनिस्ट्री ने भाषा में कुछ बदलाव का सुझाव दिया है। हम इसे बजट सत्र में पेश करना चाहते हैं।’

आईआईटी संसद के ऐक्ट के मुताबिक काम करते हैं, लेकिन आईआईएम रजिस्टर्ड सोसायटीज की ओर से चलाए जाते हैं और इस वजह से ये अपने दो वर्ष के मैनेजमेंट प्रोग्राम के अंत में एमबीए की जगह पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा देते हैं। प्रस्तावित कानून से आईआईएम राष्ट्रीय महत्व के इंस्टिट्यूट बन जाएंगे और इन्हें डिग्री देने का अधिकार मिल जाएगा।

इस बिल के पास होने से मुख्य तौर पर उन मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को फायदा होगा, जो विदेश में रिसर्च के लिए अप्लाई करते हैं। अभी इसके लिए आईआईएम से डिप्लोमा लेने वाले स्टूडेंट्स को अपने इंस्टिट्यूट से ऐसा सर्टिफिकेट देने का निवेदन करना पड़ता है, जिसमें यह कहा गया हो कि उनका डिप्लोमा भारत में एमबीए डिग्री के बराबर है। नए कदम से आईआईएम को दुनिया में अपनी पहचान मजबूत करने और ज्यादा फॉरन स्टूडेंट्स हासिल करने में भी मदद मिलेगी। अभी तक आईआईएम में अधिकतर विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के छात्र ही दिलचस्पी लेते हैं।

आईआईएम कलकत्ता के डायरेक्टर सैबल चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘यह स्वागत योग्य कदम है और इससे विशेषतौर पर स्टूडेंट्स को फायदा होगा। पीएचडी के बराबर माने जाने वाले फेलोशिप प्रोग्राम के स्टूडेंट्स को विदेश में यह स्पष्ट करने में हमेशा दिक्कत होती थी कि पीजीडीएम और एमबीए बराबर हैं।’iim calcutta

प्रस्तावित कानून पिछले कई वर्षों से तैयार किया जा रहा है। आईआईएम और सरकार के बीच इसे लेकर विचार-विमर्श में कई बार उतार-चढ़ाव आए। आईआईएम अपनी ऑटोनॉमी को लेकर आशंकित थे।

मौजूदा ड्राफ्ट के मुताबिक, डिग्री देने के दर्जे के अलावा आईआईएम का कंट्रोल एक कोऑर्डिनेशन फोरम करेगा, जो आईआईटी काउंसिल की तर्ज पर होगा। इसमें राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के बजाय इंस्टिट्यूट्स से प्रतिनिधित्व ज्यादा होगा। इससे सरकार को किसी डायरेक्टर को अक्षमता की वजह से पद से हटाने की भी अनुमति मिलेगी।

सूत्रों ने बताया कि पुराने आईआईएम इंस्टिट्यूट्स को सरकार ने अपनी सोसायटीज भंग न करने के लिए भी आश्वस्त किया है। मिनिस्ट्री के अधिकारी ने कहा, ‘पुराने आईआईएम के पास अपने पूर्व छात्र और डोनर्स हैं, जिन्हें सोसायटीज में जगह दी गई है और हम नहीं चाहते कि इसमें कोई रुकावट आए।’

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उ.प्र.पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने जारी किया 2024 कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का रिजल्ट

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लखनऊ। उ.प्र.पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने लंबे समय से प्रतीक्षारत एग्जाम के रिजल्ट की घोषणा कर दी है। जो उम्मीदवार इस भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना परिणाम चेक कर सकते हैं। जानकारी दे दें कि इस भर्ती के लिखित परीक्षा में कुल वैकेंसी के ढाई गुना 1,74,316 उम्मीदवार सफल हुए हैं। रिजल्ट के साथ ही कटऑफ भी जारी किया गया है, जिसमें अनारक्षित वर्ग का कटऑफ 214.04644 है।

अब आगे क्या होगा?

पास उम्मीदवारों का फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन जनवरी 2025 के तीसरे हफ्ते में आयोजित होगा। यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में करीबन 48 लाख रजिस्टर थे जिसमें से लगभग 32 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। गौरतलब है कि यूपी पुलिस कांस्टेबल के लिए लिखित परीक्षा 23, 24, 25 अगस्त और 30, 31 अगस्त को आयोजित की गई थी।

जारी की गई थी आंसर-की

इससे पहले 30 अक्टूबर को, बोर्ड ने फाइनल आंसर-की जारी की थी, जो 9 नवंबर तक uppbpb.gov.in पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध थी। बोर्ड ने इस दौरान 70 आपत्तियों को सही माना था।

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