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हेल्थ

सीजेरियन प्रसव वाले बच्चों में मोटापे का खतरा

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प्रसव

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प्रसवन्यूयॉर्क| ऑपरेशन के जरिए पैदा हुए बच्चों में सामान्य प्रसव की तुलना में मोटापे की संभावना 15 फीसदी अधिक होती है। यह जानकारी एक अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि यह खतरा वयस्क होने तक बना रहता है। हारवर्ड में पब्लिक हेल्थ स्कूल के टी.एच. चान स्कूल में सहायक प्रोफेसर जॉर्ज चवारो ने कहा, “हालांकि सीजेरियन प्रसव कई मामलों में जीवन बचाने की आवश्यक विधि है, लेकिन इसमें मां और नवजात शिशुओं के लिए खतरा है।”

चवारो ने कहा, “इस अध्ययन से कई दमदार साक्ष्य मिले हैं कि सीजेरियन प्रसव और बचपन के मोटापे के बीच वास्तव में संबंध है।”

निष्कर्ष बताते हैं कि परिवार के भीतर सीजेरियन प्रसव से पैदा हुए बच्चों में सामान्य प्रसव से जन्मे अपने भाई-बहनों की तुलना में मोटापे की संभावना 64 फीसदी ज्यादा पाई गई।

चवारो ने कहा, “ऐसा इसलिए है, क्योंकि सिर्फ प्रसव के तरीके के अलावा भाई-बहन के मामले में मोटापे की जोखिम वाले अधिकांश संभावित कारक एक ही तरह की भूमिका में रहते हैं, इसमें आनुवंशिक लक्षण भी शामिल हैं।”

इसके अलावा ऐसी महिलाएं जो पहले सीजेरियन प्रसव से बच्चे को जन्म दे चुकी थी और फिर इनसे जन्मे सामान्य प्रसव वाले बच्चों में मोटापे के खतरे की संभावना सीजेरियन की तुलना में 31 फीसद कम रही।

इस अध्ययन के लिए शोध दल ने 22,000 से ज्यादा युवाओं का ग्रोविंग अप टूडे स्टडी (जीयूटीएस) में विश्लेषण किया। इसमें प्रतिभागियों ने 1996-2012 के बीच हर साल या दो सालों में प्रश्नों के जवाब दिए।

यह अध्ययन ऑनलाइन पत्रिका ‘जामा पिडियाट्रिक्स’ में प्रकाशित हुआ है।

हेल्थ

दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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