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प्रसिद्ध निर्माता पहलाज निहलानी बने सेंसर बोर्ड के नए अध्यक्ष

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नई दिल्ली। बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्माता पहलाज निहलानी को सेंसर बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सेंसर बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष लीला सैमसन ने कुछ दिन पहले ही कामकाज में सरकार द्वारा हस्तक्षेप किए जाने का आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उनके स्थान पर निहलानी को नियुक्त किया गया है। निहलानी के अलावा सेंसर बोर्ड में नौ अन्य सदस्यों को भी शामिल किया गया है। इनमें चाणक्य धारावाहिक के निर्माता निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी, भाजपा नेता वाणी त्रिपाठी टिक्कू और फिल्मकार अशोक पंडित शामिल हैं।

सरकार ने सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952 की धारा तीन के तहत ये नियुक्तियां की हैं। बोर्ड के नए अन्य सदस्यों में मिहिर भूटा, प्रोफेसर सैय्यद अब्दुल बारी, रमेश पतंगे, सुश्री जीविता और एस वी शेखर शामिल हैं। निहलानी और अन्य सदस्यों का कार्यकाल सोमवार से तीन साल तक के लिए होगा। वाणी त्रिपाठी ने भी कई धारावाहिकों में अभिनय किया है और लंबे समय से वह भाजपा से जुड़ी हैं। निहलानी ने आंखे, तलाश, शोला और शबनम सहित 18 फिल्मों का निर्माण किया है।

गौरतलब है कि सरकार ने सेंसर बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष लीला सैमसन द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया था और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार फिल्म प्रमाण प्रक्रिया से दूरी बनाए रखती है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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