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करियर

प्राइवेट स्कूल, सरकारी स्कूलों के लिए है एक चुनौती: RSS

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प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा और सुविधाओं का स्तर लगातार बढ़ रहा है। यही वजह है कि प्राइवेट स्कूल आज सरकारी स्कूलों के लिए एक चुनौती का विषय बन गया है।

शिक्षा के इसी स्तर को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख अनिरुद्ध देशपांडे ने कहा है कि, निजी विद्यालयों में बाजारीकरण में बढ़ावा देखने को मिला है। और प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूलों के लिए लगातार चुनौती बनते नजर आ रहे है।

अनिरुद्ध ने ये बात राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के सम्मलेन एवं संगोष्ठी ‘शिक्षा समग्र व व्यापक’ कार्यक्रम में कही। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा, छात्रों के लिए करियर का मुद्दा बन गई है। शिक्षा पहले ज्ञान को बढ़ाती थी, परन्तु अब शिक्षा अर्थव्यापी बनती जा रही है, जो कि शिक्षा का उद्देश्य नहीं है।

उन्होंने शिक्षा का मुख्य और मौलिक उद्देश्य मानव की क्षमताओं में वृद्धि करने को बताया।

अनिरुद्ध ने आगे कहा कि हमारे राष्ट्र में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। हमारे राष्ट्र में शिक्षा की तस्वीर ही बदल गई है। शिक्षा के साथ-साथ शिक्षकों की संख्या में भी कमी पाई जा रही है। जो कि चिंता का विषय है। हमारी भाषा हमें हमारी संस्कृति से परिचित करवाती है।

जहां एक ओर प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है, तो वही दूसरी ओर महाविद्यालो में भी छात्रों की संख्या में कमी पाई जा रही है। यह एक बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है। इस पर देश की सरकार, विभिन्न संगठनो और समाज को गंभीर और व्यापक रूप से विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है।

इस कार्यक्रम में उपस्थित यूपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि छात्रों को दी जाने वाली शिक्षा की तकनीक को आसान और सस्ता बनाया जाएं, इसके लिए हम प्रयत्नशील है। सरकार इस पर भी काम कर रही है कि शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा की स्थिति को कैसे सुधारा जाए।

अगर शिक्षा की स्थिति में सुधार होता है, तो इससे रोजगार मिलने में भी किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नही होगी।उन्होंने आगे कहा कि हम ऐसी शिक्षा प्रणाली का निर्माण चाहते है, जो साफ-सुथरी ओर पारदर्शी हो।

 

ऑफ़बीट

IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर

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नई दिल्ली। पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। पर्थ की पिच पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया कि टीम इंडिया का मजबूत बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।

टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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