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प्रियंका अभिनीत ‘बेवॉच’ को सेंसर बोर्ड ने ‘A’ सर्टिफिकेट दिया, बच्‍चों के साथ न देखें  

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हॉलीवुड फिल्म, 'बेवॉच', अश्लील भाषा, 'A' सर्टिफिकेट, विजुअल, सेंसर बोर्ड

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मुंबई। प्रियंका चोपड़ा की अगली हॉलीवुड फिल्म ‘बेवॉच’ को भारत में सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सेंसर बोर्ड) ने शुक्रवार को ‘A’ सर्टिफिकेट दे दिया है। साफ है कि फिल्म को ‘A’ सर्टिफिकेट के साथ रिलीज़ किए जाने की इजाज़त दी गई है। साथ ही सेंसर बोर्ड ने फिल्म में चार विजुअल और एक डायलॉग पर भी अपनी कैंची चला दी है।

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बेवॉच 90 के दशक में आए एक लोकप्रिय टीवी शो पर आधारित है। उस सीरीयल का भी यही नाम बेवॉच था। कहा जा रहा है कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म के एक भी बीच शॉट पर कैंची नहीं चलाई है। अश्लील भाषा में फिल्म के संवादों को भी बनाए रखा है।

बोर्ड के चीफ पहलाज निहलानी ने कहा, ‘फिल्म में बिकीनी शॉट्स को काटे जाने का कोई कारण नहीं था। यह टीवी शो पहले ही भारत में कई सालों तक प्रसारित हो चुका है जिसमें स्लो मोशन में बिकीनी शॉट्स थे। अगर आप गोवा के बीच पर भी जाएं तो वहां भी बिकीनी में महिलाएं देखी जा सकती हैं तो इन्हें काटे जाने की कोई तुक नहीं है।’

वहीं, निहलानी ने कहा, ‘बेवॉच में कई जगह पर अश्लील संवाद हैं। जहां हमें लगा कि बेवजह अश्लील संवादों को डाला गया है वहां से इन्हें हटाया गया है। इसीलिए हमने फिल्म को ‘A’ सर्टिफिकेट दिया है।’

बता दें कि लोकप्रिय अमेरिकी टीवी शो ‘क्वांटिको’ में काम करने के बाद प्रियंका चोपड़ा इस फिल्म के जरिए हॉलिवुड में डेब्यू करने जा रही हैं। भारत में बेवॉच 2 जून को रिलीज़ होगी।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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