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बिजनेस

प्रेस पूरी क्षमता के साथ नोट छाप रहे हैं : आरबीआई

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RBI Notechangeमुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शनिवार को कहा कि 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को विमुद्रित किए जाने के बाद प्रिंटिंग प्रेस पूरी क्षमता के साथ नए नोट छापने में जुटे हुए हैं।

आरबीआई ने एक बयान में कहा, मांग पूरी करने के लिए प्रिंटिंग प्रेस पूरी क्षमता के साथ नोट छाप रहे हैं, ताकि नोटों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध हो सके। आरबीआई ने कहा कि विमुद्रीकरण की घोषणा के बाद जब 10 नवंबर को बैंक खुले तो सिर्फ एक दिन में लगभग 10 करोड़ लेन-देन हुए।

आरबीआई ने कहा है कि देश भर में 4,000 से अधिक स्थानों पर स्थित नोट भंडारों में नए नोटों के पर्याप्त भंडार मौजूद हैं। बैंक शाखाओं को उनसे जोड़ दिया गया है, ताकि वे अपनी जरूरतों के हिसाब से नोट वहां से ले सकें।

जनता की जरूरतें पूरी करने और इस स्थिति से निपटने के लिए बैंक और आरबीआई शनिवार और रविवार को भी खुले हुए हैं। केंद्रीय बैंक ने लोगों को भुगतान के वैकल्पिक रास्ते अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया है, जैसे कि प्रीपेड कार्ड, रुपे कार्ड, क्रेडिट या डेबिट कार्ड, मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग।

आरबीआई ने कहा है कि विमुद्रित नोटों को नए नोटों से बदलने की योजना देशभर में 30 दिसंबर तक खुली हुई है, और उसके बाद आरबीआई के विशेष कार्यालयों में ये नोट बदले जा सकेंगे। बयान में कहा गया है, विमुद्रीकरण की घोषणा के एक दिन बाद ही सभी बैंकों की शाखाओं को जनता के लिए नोट बदलने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। असुविधा को कम से कम करने के लिए बैंकों की शाखाएं और सभी आरबीआई कार्यालय सामान्य कारोबारी अवधि से अधिक समय तक काम कर रहे हैं। जनता की भारी भीड़ के मद्देनजर अतिरिक्त काउंटर भी खोले गए हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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