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प.बंगाल के नगर निकाय चुनाव में तृणमूल की जीत

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Trinmool congress

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के 92 नगर निकायों के लिए हुए चुनावों की गुरुवार को मतगणना हो रही है। मतगणना में कोलकाता नगर निगम और 91 अन्य नगर निकायों में राज्य की सत्ताधारी पार्टी अपने प्रतिद्वद्वियों से काफी आगे चल रही है। कोलकाता नगर निगम के 144 वार्डों में से 99 वार्डों पर या तो तृणमूल आगे चल रही है या फिर जीत दर्ज करा चुकी है। वाम मोर्चे को 16 वार्डों पर जीत हासिल हुई है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नौ और कांग्रेस को सात वार्डों में जीत मिली है। तृणमूल कांग्रेस कोलकाता नगर निगम पर दोबारा जीत हासिल करने वाली है।

राज्य में अन्य स्थानों पर भी तृणमूल कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और 51 नगर निकायों पर इसने अपने प्रतिद्वद्वियों को पीछे छोड़ दिया है। कांग्रेस को छह और वाम मोर्चे को पांच निकायों पर ही जीत मिली है। छह नगर निकायों में त्रिशंकु परिणाम सामने आए हैं। पूर्वी महानगर से महापौर शोवन चटर्जी ने वार्ड संख्या 131 से 5,500 मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की है। उन्होंने कहा कि यह जीत आम आदमी के समर्थन का संकेत है।

एक बार पुन: महापौर बनने की संभावनाओं के बीच चटर्जी ने कहा, “लोगों की भलाई के लिए हम और अधिक जिम्मेदारी से काम करेंगे।” तृणमूल कांग्रेस को झटका भी लगा है और उप-महापौर फरजाना आलम और बोर्ड के निवर्तमान अध्यक्ष सच्चिदानंद बंदोपाध्याय को हार का सामना करना पड़ा है।
वहीं दूसरी ओर कोलकाता नगर निगम में विपक्ष की नेता और मार्क्सयवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की उम्मीदवार रूपा बागची बार्ड संख्या 32 से हार गई हैं। अपनी हार के लिए उन्होंने सत्ताधारी पार्टी द्वारा बड़े पैमाने पर की गई हेराफेरी को जिम्मेदार ठहराया। बागची ने कहा, “राज्य निर्वाचन आयोग मूकदर्शक बना रहा। बाहर के लोगों ने मतदान किया और बड़े पैमाने पर धांधली हुई।”

राज्य के दक्षिणी हिस्सों में तृणमूल ने सभी विपक्षी पार्टियों का सूपड़ा साफ कर दिया। जहां पर पार्टी सभी इलाकों में आगे चल रही है। उत्तरी 24 परगना, नादिया, पूर्वी मिदनापुर, पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली जिले के लगभग सभी नगर निकायों में तृणमूल कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है। कांग्रेस ने पुरुलिया जिले के झालदा नगर निगम पर अपना कब्जा बरकरार रखा है और मुर्शिदाबाद जिले के नगर निकायों में बेहतर प्रदर्शन किया है।

उत्तरी बंगाल में हालांकि रुझानों से लगता है कि विपक्षी पार्टियां अपने लिए जगह बनाने में कामयाब रहीं। उत्तरी बंगाल की सिलिगुड़ी नगर पालिका में वाम मोर्चा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरा है। यहां से पार्टी ने राज्य के पूर्व मंत्री अशोक भट्टाचार्य को महापौर का उम्मीदवार बनाया था।

विपक्षी पार्टियों ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि चुनाव जीतने के लिए सत्ताधारी पार्टी ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर हिंसा, उपद्रव और अनुचित तरीके अपनाकर जीत दर्ज की है। 30 अप्रैल को वाम मोर्चे ने इसके विरोध में 12 घंटे की हड़ताल और भाजपा ने पूरे राज्य में बंद का आह्वान किया है। इसी दिन वाम मोर्चा और कांग्रेस से संबद्ध विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने भी एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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