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प्रादेशिक

प. बंगाल : प्रेजीडेंसी यूनिवर्सिटी का नया परिसर कुर्सियांग में

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कोलकाता| पश्चिम बंगाल में राजधानी कोलकाता स्थित प्रेजीडेंसी यूनिवर्सिटी का नया परिसर राज्य के कुर्सियांग में बनाया जाएगा, जिस पर 30 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यहां खगोल भौतिकी एवं अंतरिक्ष विज्ञान के साथ-साथ हिमालय की पारिस्थितिकी और भूविज्ञान के अध्ययन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की, जब वह विश्वविद्यालय के 200 साल पूरे होने मौके पर आयोजित होने वाले समारोह के सिलसिले में इसके आमंत्रण पर वहां पहुंची थीं।

ममता ने अपने फेसबुक पेज में लिखा, “राज्य सरकार ने प्रेजीडेंसी यूनिवर्सिटी के दार्जिलिंग में कुर्सियांग स्थित डॉव हिल में हिमालय अध्ययन केंद्र की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।”

उन्होंने आगे लिखा, “इस केंद्र में खगोल भौतिकी एवं अंतरिक्ष विज्ञान, हिमालय की पारिस्थितिकी, जैव विविधता, भूविज्ञान एवं वास्तुस्थिति सहित दूसरे विषयों की स्नातक एवं परास्नातक स्तर की शिक्षा दी जाएगी।”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजरहाट में भी विश्वविद्यालय के कैंपस की स्थापना के लिए 118 करोड़ रुपये का अनुदान देगी। उन्होंने दौरे में विश्वविद्यालय को 30 करोड़ रुपये का अनुदान देने की घोषणा की।

ममता ने कहा, “विश्वविद्यालय के 200 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किए जा रहे समारोह को देखते हुए इस विरासत विश्वविद्यालय परिसर के सौंदर्यीकरण, मरम्मत और पुननिर्माण और पुस्तकालय के विकास के लिए मैं 11.78 करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा करती हूं।”

उन्होंने कहा, “हम प्रेजीडेंसी यूनिवर्सिटी को विश्व स्तरीय संस्थान का दर्जा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

 

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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