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मनोरंजन

फरहान ने प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया

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फिल्म अभिनेता फरहान अख्तर ‘संयुक्त राष्ट्र महिला’ के पहले दक्षिण एशियाई गुडविल एंबेसडर बनाए गए हैं। महिलाओं के प्रति अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने वाले फरहान ने इस रास्ते पर बने रहने का हौसला देने के लिए प्रशंसकों का आभार व्यक्त किया है। फरहान लैंगिक समानता की वकालत और महिलाओं के प्रति हिंसा की खिलाफत करने वाली संस्था ‘मेन अगेंस्ट रेप एंड डिस्क्रिमिनेशन’ (मर्द) अभियान का प्रतिनिधित्व करते हैं।

गुडविल एंबेसडर चुने जाने के बाद फरहान के ट्विटर पर बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “शुभकामनाओं और प्यार के लिए शुक्रिया। आप लोगों का साथ और सहयोग ही है, जो मुझे इस रास्ते पर बने रहने का हौसला देता है।”

‘संयुक्त राष्ट्र महिला’ संयुक्त राष्ट्र के अधीन लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली इकाई है।

संयुक्त राष्ट्र महिला के गुडविल एंबेसडर होने के नाते फरहान का दायित्व दक्षिण एशिया में महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए प्रयास करना होगा और वह संयुक्त राष्ट्र महिला की नई पहल ‘ही फॉर शी’ के लिए भी काम करेंगे।

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मनोरंजन

आखिर लता मंगेशकर ने क्यों नहीं की थी शादी, खुद इंटरव्यू में किया था खुलासा

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नई दिल्ली। सुरों की मल्लिका, भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज जन्मदिन है। भले ही वो आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपने गानों की वजह से अमर हैं। 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में जन्मीं लता मंगेशकर ने जिंदगी अकेले गुजारी। पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता ने शादी नहीं की, ऐसा उन्होंने क्यों किया, इसका खुलासा उन्होंने खुद किया था।

लता मंगेशकर ने अपनी मधुर आवाज का जादू दुनियाभर में बिखेरा और भारत की पहचान बढ़ाई। कोमल और दयालु हृदय वालीं लता दी ने लेकिन शादी क्यों नहीं की, ये सवाल लोगों के मन में सालों तक रहा। हालांकि इस सवाल का जवाब उन्होंने खुद दिया। साल 2011 में लता दी ने इस बात का खुलासा अपने जन्मदिन के दिन किया। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि सब कुछ भगवान की इच्छा के अनुसार होता है। जीवन में जो भी होता है, वह अच्छे के लिए होता है और जो नहीं होता, वह भी अच्छे के लिए ही होता है।

इंटरव्यू में जब उनसे सवाल किया गया कि क्या कभी जीवन में अकेलापन महसूस होता है, खालीपन अखरता है… तब लता मंगेशकर कहा था कि मेरे सारे दोस्त चले गए। नरगिस और मीना कुमार मेरी करीबी दोस्त थीं। हम उनके निधन तक रेगुलर तौर पर टच में रहते थे। एक अन्य दोस्त मेरे देव आनंद भी रहे, जिनके संपर्क में लगातार रही। दोस्तों के जाने के बाद जीवन में खालीपन महसूस होता था। लता मंगेशकर ने एक अन्य इंटरव्यू में बताया था कि घर में वह सबसे बड़ी थीं, इसलिए उन पर जिम्मेदारियों भी कई थीं। ऐसे में कई बार शादी का ख्याल आता भी था तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी।

 

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