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फर्जी बिल मामले में पूर्व सांसद पाठक को जमानत

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सांसद, बहुजन समाज पार्टी, सीबीआई, राज्यसभा, ब्रजेश पाठक, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, सचिवालय

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नई दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने फर्जी बिलों पर यात्रा भुगतान लेने के मामले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व राज्यसभा सांसद ब्रजेश पाठक को बुधवार को जमानत दे दी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत की न्यायाधीश अंजू बजाज चंदना ने पाठक तथा दिल्ली की कंपनी वंदना ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजेश अग्निहोत्री को मंगलवार को जमानत दे दी। पिछले महीने उन्हें सम्मन जारी किया गया था, जिसपर वे अदालत में समक्ष उपस्थित हुए थे। जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि दोनों आरोपियों की जड़ें समाज से जुड़ी हैं और सुनवाई खत्म होने में लंबा वक्त लगेगा। अदालत ने दोनों को 50-50 हजार रुपये का निजी मुचलका तथा इतनी ही राशि का जमानत भरने का निर्देश दिया। अदालत ने बिना मंजूरी लिए दोनों के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही उन्हें निर्देश दिया कि वे न तो सबूतों से छेड़छाड़ करें और न ही गवाहों को प्रभावित करें।

सीबीआई ने इस मामले में दो जनवरी को आरोप पत्र दाखिल किया था। जांच एजेंसी ने यह कहते हुए पाठक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। लेकिन न्यायाधीश ने इसे खारिज करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र सहित विभिन्न मामलों में उन्हें सम्मन जारी किया था। पाठक पर आरोप है कि उन्होंने साल 2011-13 के दौरान निजी लोगों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र के तहत फर्जी यात्रा बिलों के आधार पर राज्यसभा सचिवालय से 2,19,887 रुपये का भुगतान लिया, जबकि वास्तविक बिल केवल 10,499 करोड़ रुपये का था। इस तरह सरकार को इससे 2,09,338 रुपये का नुकसान हुआ। राज्यसभा के सांसद के रूप में पाठक का कार्यकाल 25 नवंबर, 2014 को समाप्त हुआ।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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