Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

फिर आंदोलन में जुटे गुर्जर, हालात संभालने की चुनौती

Published

on

gurjar-aarakshan

Loading

राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर फिर आंदोलन की राह पर हैं और सियासी पारा एक बार फिर गर्म हो चुका है। विशेष पिछड़ा वर्ग में 5 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर किए जा रहे इस आंदोलन में गुर्जरों ने चिर-परिचित अंदाज में भरतपुर के बयाना स्थित पीलूपुरा में रेलवे-ट्रैक को जाम कर दिया। जिसके कारण करीब तीन दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रद्द किया जा चुका है जबकि 80 से अधिक ट्रेनों का रूट बदल दिया गया है। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग जैसे महत्वपूर्ण ट्रैक पर यातायात बाधित होने के अलावा सड़क मार्ग पर भी इस आंदोलन की आंच पहुंचती नजर आ रही है।

हालांकि इस पूरे मामले में एक कानूनी पेंच भी फंसा है। राजस्थान सरकार ने गुर्जर सहित पांच जातियों को एसबीसी (स्पेशल बैकवर्ड कैटेगरी) में 5 फीसदी आरक्षण दिया, लेकिन हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी क्योंकि ऐसा करने से प्रदेश में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक हो गया। नियमों के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता। फिलहाल एसबीसी को एक फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा है। इन जातियों को ओबीसी में भी लाभ दिया जा रहा है। पांच प्रतिशत आरक्षण का मामला हाईकोर्ट में है और सुनवाई 16 जुलाई को है। अब चूंकि यह मामला कोर्ट में है, लिहाजा फैसला भी वहीं से आएगा लेकिन इस मामले का एक यह भी पहलू है कि ऐसे मामलों में सरकार समय रहते दूरदर्शिता का परिचय नहीं देती। इसी महीने जब आंदोलनकारियों ने न्याय यात्रा शुरू की थी, तभी सरकार को चेत जाना चाहिए था। आंदोलनकारियों के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भी अब जनता की परेशानी के लिए वसुंधरा राजे सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि वे 10 दिन से न्याय यात्रा कर रहे थे, लेकिन सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया। महापंचायत में भी उन्होंने अधिकारियों को मौका दिया, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। ऐसे में उनके पास कोई चारा नहीं था।

इस बीच गुर्जर बड़े शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में जुट गए हैं। यह शक्ति प्रदर्शन पिछले आंदोलनों में मारे गए गुर्जरों की बरसी के मौके पर आयोजित करने की योजना है। जब हालात बिगड़ते नजर आए तब गुर्जरों से बातचीत के लिए बैंसला के पास पत्र भेजा गया। सरकार के प्रस्ताव पर पहले तो गुर्जर नेताओं ने साफ कह दिया कि कोई बातचीत नहीं होगी। सरकार साफ प्रस्ताव ले कर आए कि हमें आरक्षण कैसे देगी, लेकिन बाद में गुर्जर वार्ता के लिए तैयार हो गए। हालांकि इस वार्ता से कोई रास्ता नहीं निकल सका और राजस्थान सरकार के तीन मंत्रियों और गुर्जर नेताओं के बीच बातचीत विफल रही। वार्ता में शामिल गुर्जर नेताओं ने मंत्रियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया और आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी। बैठक के बाद गुर्जर नेताओं ने मीडिया से कहा कि सरकार की ओर से आए मंत्रियों के पास 50 फीसदी आरक्षण व्यवस्था के तहत विशेष पिछड़ा वर्ग में आरक्षण कैसे दिया जाएगा, इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार से कोई उम्मीद नहीं है और सरकार को जवाब दिया जाएगा।

मामले में यह भी ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि ये आंदोलन वर्ष 2007 और 2008 में कई जानें छीन चुका है और हालात फिर विस्फोटक होते नजर आ रहे हैं। जब तक मामले का कानूनी हल नहीं निकलता तब तक राज्य सरकार को परिपक्वता का परिचय देते हुए हालात को संभालना पड़ेगा। वहीं गुर्जर समुदाय को भी थोड़ा संवेदनशील होना पड़ेगा। लोकतंत्र में अपने अधिकार के लिए शांतिपूर्ण ढंग से अपनी आवाज बुलंद करने का हक सबको है, पर इसके लिए दबाव बनाने के उन तौरतरीकों का समर्थन नहीं किया जा सकता, जिसका नुकसान लाखों लोगों को होता है।

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending