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फिर बाहर आया बोफोर्स का ‘जिन्न’, क्वात्रोची को संप्रग से मिली बड़ी ‘मदद’

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नई दिल्ली। सीबीआई के हालिया खुलासे से बोफोर्स घोटाले में भगोड़े इतालवी कारोबारी ओत्तावियो क्वात्रोची को बड़ी राहत देने में संयुक्त प्रगतिशील सरकार की भूमिका सामने आई है। सरकार चाहती तो क्वात्रोकी के बैंक खातों से पैसे की निकासी पर लगी रोक को जारी रखवा सकती थी लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।

क्वात्रोची पर पहले से शक था कि उसने बोफोर्स डील के फंड में करीब 1 मिलियन डॉलर और तीन मिलियन यूरो का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बावजूद उसके बैंक खातों के खिलाफ संप्रग सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इतना ही नहीं सीबीआई को जांच में पता चला कि संप्रग चाहती थी वे अपने इन पैसों को खातों से निकाल लें।

सीबीआई ने संसद की लोक लेखा समिति को बताया कि यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने क्वात्रोची के फंड पर रोक को जारी रखने के रास्ते सुझाए थे जिसे तत्कालीन अडिशनल सॉलिसिटर जनरल भगवान दत्ता ने खारिज कर दिया था। दत्ता का कहना था कि सीपीएस के वकील स्टीफन हेलमन ने सीआरपीसी की जो धारा सुझाई है, उसका सहारा लेने का कोई ठोस आधार नहीं है।

बता दें कि 2006 में ही क्वात्रोकी को कोर्ट ने अपराधी घोषित किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी को क्वात्रोकी के फंड पर लगी रोक को जारी रखने के पक्ष में फैसला दिया था लेकिन उस समय तक पैसा निकल चुका था।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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