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फिल्मकार नीरद मोहपात्रा का निधन

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भुवनेश्वर | दिग्गज फिल्म निर्माता-निर्देशक नीरद नारायण मोहपात्रा का गुरुवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 67 साल के थे। उनके छोटे भाई संपद मोहपात्रा ने  बताया कि नीरद के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे व एक बेटी है। उनका अंतिम संस्कार हैदराबाद से उनकी बेटी के आने के बाद दिन में मुंबई में होगा।

संपद ने कहा कि नीरद का पिछले एक माह से मुंबई के फोर्टिस हीरानंदनी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनकी एक माह में दो बार सर्जरी की गई थी। ऐसी आशंका है कि उन्हें कैंसर था, हालांकि बायोप्सी में कैंसर की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पहले ऑपरेशन के बाद नीरद की तकलीफ बढ़ गई, जिसके बाद दोबारा सर्जरी की गई। उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्होंने तड़के छह बजे अंतिम सांस ली। नीरद ने राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। इसके बाद वर्ष 1968 में निर्देशन कोर्स की पढ़ाई करने के लिए पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) में दाखिला लिया। वह एफटीआईआई में पांच साल तक व्याख्याता रहे।

नीरद ने अपनी पहली उड़िया फिल्म ‘माया मृग्या’ (1984) से विश्व स्तर पर प्रसिद्धि पाई। यह 1984 में भारतीय पैनोरमा में दूसरी सबसे अच्छी राष्ट्रीय फिल्म घोषित की गई। इसे मैनहेम-हीडलबर्ग अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में विश्व की तीसरी सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित किया गया था। ‘माया मृग्या’ ने हवाई फिल्म उत्सव (अमेरिका) और क्रिटिक्स वीक ऑफ कान्स (फ्रांस) में स्पेशल ज्यूरी अवार्ड भी जीता था। नीरद ने हालांकि, कभी कोई अन्य फीचर फिल्म नहीं बनाई। उनका ध्यान वृत्तचित्रों पर रहा, जिन्होंने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए। नीरद को वर्ष 1985 में अमेरिकी विश्वविद्यालयों में फिल्मों पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया था। वह राष्ट्रीय फिल्म ज्यूरी के सदस्य थे। इसके अलावा कई बार भारतीय पैनोरमा के चयन पैनल के सदस्य भी रहे।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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