अन्तर्राष्ट्रीय
फेसबुक जंगल में वटवृक्ष से लेकर रेंड़ तक
जब कोई मेच्योर वैज्ञानिक किसी चीज का ईजाद करता है, तब वह विश्व के कल्याण की परिकल्पना करके ही ‘स्टेप्स’ उठाता है। हालांकि सभी वस्तुओं के दो पहलू होते हैं, इसी तरह हर ईजाद की गई चीज सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों परिणाम देती है।
सिक्के के दो पहलू- हेड (सिरा) और टेल (पृष्ठ भाग) होते हैं। बहरहाल मुझे मार्क जुकरबर्ग जैसे वैज्ञानिक की बहुत याद आ रही है। 18 वर्ष की उम्र में इसने फेसबुक नामक जो सोशल वेब साइट ईजाद किया, वह काबिल-ए-तारीफ है। इस वेबसाइट/सोशल साइट को ऐसा जंगल कहा जा सकता है, जिसमें वटवृक्ष से लेकर रेंड़ तक लहलहाते हैं।
मेरे कहने का आशय वे अच्छी तरह समझ चुके होंगे, जो इसका इस्तेमाल करते हैं। फेसबुक का रोग बच्चों से लेकर कब्रगाह की ओर मुखातिब लोगों तक को लगा हुआ है। इस साइट पर लोग अपने दिलों का गुबार निकालकर अपना मन हल्का करते हैं। पल-पल की खबर को फेसबुक पर अपलोड करके लोग झूठी वाहवाही लूटते हैं।
तमाम ऐसे लोग (महिला/पुरुष) जो मनोविकृति के शिकार हैं, फेसबुक पर झूठे नाम और पते से अकाउंट बनाकर अश्लीलता परोस रहे हैं, उन्हें शायद यह नहीं मालूम कि इसका फेसबुक के अन्य यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा।
इसके विपरीत कुछ ज्ञानी किस्म के लोग इस साइट पर कुछ ज्यादा ही ज्ञान बघारकर लोगों के बीच चर्चित होने का प्रयास करते हैं। महिलाएं विभिन्न एंगिलों से फोटो खिंचवाकर अपलोड करती हैं, तो उसमें हजारों लाइक और कमेंट आते हैं और यदि कोई पुरुष भी अच्छी बात लिखकर पोस्ट करे तो उसे भी कम नहीं लाइक मिलता है।
फेसबुक के माध्यम से लोग अपनी निजता सार्वजनिक करने लगे हैं। महिला हों या पुरुष (युवक/युवतियां, किशोर/किशोरियां) ये लोग अपनी रोज की दिनचर्या किचन से लेकर स्कूल कॉलेज, कोचिंग तक और बाथरूम से लेकर बेडरूम तक के सारे क्रिया-कलापों को फेसबुक पर केवल इसलिए अपलोड करते हैं, ताकि लोग उसमें ज्यादा से ज्यादा कमेंट दें और लाइक करें।
यह भी देखा जा रहा है कि जिन हाथों में स्मार्टफोन हैं, वे 24 घंटे फेसबुक और व्हाट्सएप से जुड़े रहते हैं, अगल-बगल क्या हो रहा है? चोरी हो जाए, डकैती पड़ जाए कोई फर्क नहीं। कौन आया, कौन गया नो वेल्कम, खैरमखदम, गुड, बाई, सी यू।
उनकी इस तरह की हरकत से प्रतीत होता है कि इनका समाज से कोई सरोकार ही नहीं है। इनके लिए मोबाइल और सोशल नेटवर्किं ग साइट्स ही सब कुछ है। ये लोग एक तरह से ‘काम के न काज के दुश्मन अनाज के’ से हो गए हैं। इनके क्रिया-कलापों से प्राय: घरों में किच-किच होना आम बात हो गई है।
इस तरह आधुनिक और स्मार्ट बनने के चक्कर में लोग अपनी निजता को सार्वजनिक कर रहे हैं, और खलिहर किस्म के लोग इस तरह के पोस्टों को लाइक करके तरह-तरह के कमेंट्स भी दे रहे हैं। फेसबुक के बारे में धीरे-धीरे अब जानकारी होने लगी..कुल मिलाकर भौंडे प्रचार का सर्वसुलभ एवं सस्ता माध्यम है ये..।
कुरूप हों या सुरूप, शिक्षित हों या अशिक्षित, रोगी हों या स्वस्थ हर कोई अपने दिल की बात बेखौफ, बेझिझक फेसबुक वाल पर अपलोड कर सकता है। ऐसे महिला-पुरुष जो हीन भावना से ग्रस्त हैं, उनके लिए फेसबुक संजीवनी का काम कर रही है। निठल्ले-निकम्मों और मनोविकार के शिकार लोगों के लिए फेसबुक अच्छा टाइमपास और मनोरंजन का साधन बना हुआ है।
दैनिक जीवन की सारी गतिविधियां कब कौन-सी क्रिया किया? कब टॉयलेट गए, कब बाथरूम और कब बेडरूम, सब फेसबुक पर शेयर करिए..सैकड़ों कमेंट्स मिलेंगे और यह आपके लिए दुनिया की सबसे बड़ी उपलब्धी होगी।
मुफ्त राय : बेहतर होगा कि समय रहते सद्बुद्धि आ जाए, फेसबुक से हजारों किलोमीटर का नाता बन जाए। भौंड़ा प्रचार पाने का माध्यम फेसबुक से दूरी बनाइए, इसी में सबकी बेहतरी है। महिलाएं ‘सूर्पणखा’ न बनें और पुरुषों से अनुरोध है कि वे ‘एको अहम, द्वितीयो नास्ति’ का मिथ्या दंभ त्यागें।
यह अवधारणा कि फेसबुक गिरे हुए को उठाता है, अपदस्थ को पदस्थ करता है, हर समस्या का समाधान करता है, बेरोजगारों को रोजगार दिलाता है..शायद गलत है। अपने मुंह मिया मिट्ठू बनना कहां की अक्लमंदी! ज्ञान बघारना है तो पुस्तकों, पत्रिकाओं को आजमाएं। फिलवक्त बस इतना ही..। (आईएएनएस/आईपीएन)
अन्तर्राष्ट्रीय
लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद
नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।
बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।
मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।
-
लाइफ स्टाइल1 day ago
सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय
-
आध्यात्म7 hours ago
नौकरी में चाहिए प्रमोशन तो अपनाएं ज्योतिष के ये उपाय
-
खेल-कूद9 hours ago
विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना
-
नेशनल14 hours ago
दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, कई इलाकों में AQI 4OO पार
-
उत्तर प्रदेश1 day ago
दिवाली के दिन यूपी के इस जिले में 25 करोड़ की शराब पी गए लोग
-
खेल-कूद14 hours ago
HAPPY BIRTHDAY KING KOHLI : भारतीय क्रिकेट टीम के किंग विराट कोहली आज मना रहे हैं अपना 36वां जन्मदिन
-
खेल-कूद12 hours ago
फुटबॉल खेलते वक्त मैदान पर गिरी बिजली, एक प्लेयर की मौत, वीडियो वायरल
-
उत्तर प्रदेश11 hours ago
तांत्रिक की सलाह पर सनकी शख्स ने पत्नी और तीन बच्चों को मार डाला, वारदात को अंजाम देकर हुआ फरार