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बिजनेस

बंगाल की कंपनी को पूंजी जुटाने से सेबी ने रोका

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सेबी, पोलारिस एग्रो इंडस्ट्रीज, रिडीमेबल प्रेफेरेंस शेयर, कंपनी अधिनियम 1956

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कोलकाता| बाजार विनियामक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पश्चिम बंगाल स्थित कंपनी पोलारिस एग्रो इंडस्ट्रीज (पीएआईएल) और इसके निदेशकों को बाजार से पूंजी जुटाने पर रोक लगा दी है। सेबी ने कंपनी के खिलाफ जारी आदेश में कहा, “पीएआईएल अगले निर्देश तक रिडीमेबल प्रेफेरेंस शेयर या सामान्य शेयर को जारी करने या अन्य किसी प्रतिभूति के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निवेशकों से पूंजी जुटाने पर तत्काल रोक लगाए।”

इसके अलावा सेबी ने कंपनी और इसके निदेशकों को अपनी परिसंपत्तियों और संपत्तियों की पूरी सूची पेश करने का भी आदेश दिया है। सेबी ने कंपनी के स्वामित्व वाली पूंजी को किसी भी अन्य तरीके से उपयोग करने पर भी रोक लगाई है। सेबी ने आरोप लगाया है कि उसे पिछले साल अक्टूबर में कंपनी द्वारा गैरकानूनी तरीकी से पूंजी जुटाने की कई शिकायतें मिली हैं। सेबी ने कहा, “पीएआईएल जनता से प्रेफरेंस शेयरों के जरिए पूंजी जुटाने की गतिविधियों में लिप्त है, जो सीधे-सीधे कंपनी अधिनियम 1956 का उल्लंघन है।”

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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