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प्रादेशिक

बंगाल : छात्र की हत्या के लिए 3 गिरफ्तार

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कोलकाता| पश्चिम बंगाल में कॉलेज परिसर में एक छात्र की हत्या के मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी शनिवार पुलिस ने दी। मामला मिदनापुर जिले के सबंग सजनीकांता महाविद्यालय का है। छात्रों के दो समूहों के बीच शुक्रवार को हुए झगड़े के दौरान बीए के छात्र कृष्णा प्रसाद जना की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

पुलिस अधिकारी ने बताया, “छह लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई थी और पिछली रात (शुक्रवार) हमने उनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया। हम बाकी तीन की तलाश कर रहे हैं।”

पुलिस अधिकारी ने गिरफ्तार लोगों की राजनीतिक संबंद्धता पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया, और कहा कि गिरफ्तार तीनों व्यक्ति कॉलेज के पूर्व छात्र हैं।

घटना ने एक राजनीतिक रंग ले लिया है। विपक्षी कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा पर इस हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया है, जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने मौत के पीछे कांग्रेस से संबंद्ध छात्र परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच आंतरिक कलह को जिम्मेदार ठहराया है।

मामले के एक चश्मदीद और शिकायतकर्ता सोमेन गांगुली ने कहा है कि जना की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि उसने राज्य के मंत्री सौमेन कुमार महापात्रा का अभिनंदन करने से इंकार कर दिया।

सोमेन गांगुली ने कहा, “जब जना ने मंत्री के अभिनंदन में शामिल होने से इंकार कर दिया तो 30-40 छात्रों के समूह ने लाठी-डंडों से उस पर हमला कर दिया। हम छात्र को मारने वालों के लिए उचित सजा चाहते हैं।”

महापात्रा ने जहां आरोपों से इंकार किया है, वहीं पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता मानस भुनिया ने इस हत्याकांड के लिए तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद को जिम्मेदार ठहराया है।

कांग्रेस से संबद्ध छात्र परिषद जहां इस घटना के विरोध में शनिवार को हड़ताल कर रखी है, वहीं मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समर्थित स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) घटना के विरोध में निंदा दिवस मना रहा है।।

एसएफआई ने स्कूलों-कॉलेजों में हड़ताल का भी आह्वान कर रखा है।

 

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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