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बिजनेस

बर्जर पेंट रूस में संयंत्र लगाएगी

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मॉस्को,भारतीय पेंट विनिर्माता कंपनी,बर्जर पेंट्स,नेविनोमिस्क,स्टावरोपोल क्षेत्र,उपप्रमुख वैसिली शेस्टक, स्टावरोपोल क्षेत्र के ऊर्जा, उद्योग एवं संचार विभाग,उपमंत्री दमित्री टोलमाचेव

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मॉस्को | भारतीय पेंट विनिर्माता कंपनी, बर्जर पेंट्स रूस के नेविनोमिस्क के स्टावरोपोल क्षेत्र में संयंत्र स्थापना करेगी। भारतीय निवेशकों के एक समूह द्वारा रूस के औद्योगिक पार्क का दौरा करने के बाद पेंट और वार्निश विनिर्माण केंद की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। भारतीय निवेशकों ने क्षेत्रीय अधिकारियों, नेविनोमिस्क प्रशासन के पहले उपप्रमुख वैसिली शेस्टक, स्टावरोपोल क्षेत्र के ऊर्जा, उद्योग एवं संचार विभाग के उपमंत्री दमित्री टोलमाचेव के साथ नेविनोमिस्क में रूस के क्षेत्रीय औद्योगिक पार्क का दौरा किया। कुछ अन्य कामकाजी उद्यमों की जांच और विकल्पों की खोजबीन के बाद भारतीयों ने यहां पेंट विनिर्माण फैक्ट्री की स्थापना करने का फैसला किया।

इस क्षेत्र के गवर्नर व्लादिमीर व्लादिमीरोव, बर्जर पेंट्स के मालिक कुलदीप सिंह ढींगरा ने फरवरी 2015 में नई दिल्ली में एक सहयोग समझौता किया था ताकि एक औद्योगिक और घरेलू पेंट एवं वार्निश विनिर्माण इकाई की स्थापना की जा सके। कंपनी की इस परियोजना में कम से कम पचास लाख करोड़ डॉलर निवेश करने की योजना है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक, इस नए संयंत्र के लिए नेविनोमिस्क का चुनाव इसलिए किया गया है, क्योंकि यह उद्योग के लिए एक उच्च विकसित परिवहन एवं भंडारगृह बुनियादी ढांचा है। इस क्षेत्रीय औद्योगिक पार्क ने 2010 में कामकाज शुरू किया था। 2012 में इसे सक्रिय दर्जे के साथ रूस के औद्योगिक पार्क संघ से प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ, जिसकी 2014 में पुष्टि कर दी गई।

इन परियोजनाओं में निवेश का मूल्य 16.74 अरब रूबल यानी 29.45 करोड़ डॉलर हैं। निवेशक पहले ही 7.5 अरब रूबल का भुगतान कर चुके हैं। इसमें 1,255 रोजगारों का सृजन होगा, जिसमें से 624 का सृजन हो चुका है। सक्रिय उद्यमों से लगभग दो अरब रूबल की सामग्रियों का उत्पादन किया जा रहा है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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