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प्रादेशिक

बलिया में गंगा खतरे के निशान के पार

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बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में लोगों को दहशत में डाल रही गंगा की लहरों ने अब लाल निशान पार कर दिया है। जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि का सिलसिला जारी है। इसके चलते निचले भू-भाग में पानी फैल गया है। हालत यह है कि किसानों की बोई कई एकड़ खड़ी फसल पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। साथ ही लोग अपने सामानों को सुरक्षित ठौर देले में जुट गए हैं।

एक सप्ताह से मध्यप्रदेश एवं उत्तराखंड में हो रही बारिश के चलते गंगा के जलस्तर में वृद्धि का सिलसिला तेज हो गया है। चेतावनी बिंदु 56.615 मीटर को भी गंगा पहले ही लांघ गई थी। वहीं अब गंगा ने खतरे का लाल निशान 57.615 मीटर को भी पार कर दिया है। स्थिति की नजाकत को भांपते हुए गंगा के किनारे बसे गांव श्रीनगर, केहरपुर, चौबेछपरा, सुघरछपरा, लाला बगैचा गंगापुर के लोग अपने सामानों को सुरक्षित ठौर देने में जुट गए हैं। उनको डर है कि कभी कभी गंगा का पानी घरौंदों तक पहुंच सकता है। जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण डेंजर जोन पचरुखिया, मझौवा पर बने स्पर संख्या 18 व 19 का अगला हिस्सा नीचे खिसक गया।

मौके पर पहुंचे बाढ़ विभाग के अधिशासी अभियंता आरएन यादव ने अपने मातहतों को डेंजर जोन पर चैकसी बरतने का निर्देश दिया। डेंजर जोन पर बना प्लेटफार्म भी डूब गया है, जिससे बाढ़ निरोधक कार्य भी ठप हो गया है। इधर, गंगा का जलस्तर निलचे भाग में फैलने के चलते बादिलपुर, रूद्रपुर, प्रबोधपुर, बांगर बांध, जदछपरा, धर्मपुरा के किसानों की बोई गई परवल आदि की खेती पानी से जलमग्न हो गया। इससे उनको काफी क्षति हुई है। पीड़ित सरल, घूरबिगन, महेश, विरोधी आदि का खेती ही जीविका का एकमात्र साधन है, जो गंगा की भेंट चढ़ गया।

शासन-प्रशासन व बाढ़ की हालत यह है कि यह तभी जागता है जब गंगा नदी अपना कहर बरपाना शुरू कर देती है। नतीजतन, सबकुछ गंगा की भेंट चढ़ जाता है और आश्वासनों के आस में समय को काटना पड़ता है। केंद्रीय जल आयोग (गायघाट) के मुताबिक गंगा के जलस्तर में प्रति घंटा तीन सेंमी का बढ़ाव बना हुआ है।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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