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नेशनल

बहू–बेटियों को बंगाल भेजकर देखो, हो जाएगा रेप : रूपा गांगुली

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बीजेपी, भारतीय जनता पार्टी, पश्चिम बंगाल, रूपा गांगुली, रेप

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भाजपा सांसद रूपा गांगुली की फि‍सली जुबान

कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता और राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार पर तीखा हमला करने के चक्‍कर में  विवादित बयान दे डाला है। उन्होंने दावा किया कि जितनी भी पार्टियां पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार का समर्थन कर रही हैं, वे अपनी बहू और बेटियों को 15 दिन के लिए बंगाल भेजकर देखें। उनका रेप हो जाएगा।

गांगुली ने कहा कि बगैर ममता का सपोर्ट लिए बाहर से आईं महिलाएं 15 दिनों तक बंगाल में बिना रेप का शिकार हुए बच जाती हैं तो वह अपना बयान वापस ले लेंगी। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी पार्टियों और ममता सरकार का समर्थन करने वाले लोगों को यही बोलूंगी कि अपनी बहुओं-बेटियों को बिना ममता का समर्थन लिए 15 दिन के लिए बंगाल भेज दें और अगर वे बिना रेप का शिकार हुए वापस लौट जाएं तो मैं देखूंगी।’

पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा पर टिप्पणी करते हुए गांगुली ने कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र मर चुका है। यहां सरकार का कोई भी अधिकारी अपना काम नहीं कर रहा है। अगर किसी के पास सिफारिश नहीं है तो उसका काम नहीं हो सकता है।

पश्चिम बंगाल पिछले कई दिनों से अलग गोरखालैंड राज्य की मांग के कारण हिंसा की चपेट में है। अभी हाल ही में बशीरहाट इलाके में सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से दंगा भड़क गया। इससे पहले रूपा गांगुली को पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाके में जाने से रोक दिया था।

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उत्तर प्रदेश

वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां

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वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।

बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।

दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।

स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

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