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बांग्लादेश भूमि सीमा समझौता बिल संसद में पारित

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नई दिल्ली। बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौते को कार्यान्वित करने वाला विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया। इस विधेयक में दोनों देशों के बीच कुछ परिक्षेत्रों के हस्तांतरण का प्रावधान है। लोकसभा में बुधवार को संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। यह संविधान का 119वां संशोधन है। राज्यसभा में यह विधेयक बुधवार को पारित कर दिया गया था।

इसके लागू होने पर अगर बांग्लादेशी परिक्षेत्रों में रहने वाले भारतीय नागरिक वहीं पर रहना चाहते हैं तो उन्हें बांग्लादेश की नागरिकता दी जाएगी और अगर भारतीय परिक्षेत्रों में रहने वाले बांग्लादेशी नागरिक यहीं पर रुकना चाहते हैं तो उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी। इस विधेयक में भारत और बांग्लादेश के बीच परिक्षेत्र प्राप्त करने और उनके हस्तांतरण के लिए दोनों देशों के बीच 16 मई, 1974 को हुए समझौते को प्रभावी बनाने के लिए संविधान की पहली अनुसूची को संशोधित किया गया है। इसे 2013 में संसद में पेश किया गया था।

2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भूमि हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते को भूमि सीमा समझौता (एलबीए) के रूप में जानते हैं। संविधान संशोधन विधेयक को क्रियान्वित करने के लिए 2013 में राज्यसभा में विधेयक पेश किया गया, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण इसे पास नहीं कराया जा सका।

नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद इस विधेयक को पुन: विदेश मामलों की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया, जिस पर दिसंबर 2013 में एक रिपोर्ट पेश की गई। संविधान की पहली अनुसूची में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के क्षेत्र परिभाषित किए गए हैं, जो कि मिलकर एक भारत का गठन करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दे दी गई थी। इस विधेयक में बांग्लादेश के साथ असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय के क्षेत्रों के आदान-प्रदान के समझौते को क्रियान्वित करने का प्रावधान है।

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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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