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बाबरी केस में आडवाणी, जोशी, उमा समेत 20 को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत 20 लोगों को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने यह नोटिस इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया है, जिस फैसले में विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को आपराधिक साजिश के आरोप से बरी कर दिया था।

सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की पीठ ने आडवाणी और जोशी के अतिरिक्त केंद्रीय मंत्री उमा भारती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को भी नोटिस जारी किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 साल पुराने इस मामले में 20 मई, 2010 को दोनों नेताओं को साजिश रचने के आरोपों से मुक्त कर दिया था। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि हाजी महबूब अहमद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक नई याचिका दायर की है, जिसके बाद न्यायालय ने ये नोटिस जारी किए।

कोर्ट ने आडवाणी तथा अन्य को आपराधिक षड्यंत्र से मुक्त करने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अपने पक्ष में दस्तावेज जुटाने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। अतिरिक्त महाधिवक्ता एन.के. कौल ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि सीबीआई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को दायर करने में हुई देरी के बारे में पहले ही एक हलफनामा दाखिल कर चुकी है।

न्यायालय ने सीबीआई को चार सप्ताह का समय दिया और कहा कि वह कानून, याचिका दायर करने में हुई देरी और औचित्य के आधार पर सुनवाई करेगा। सीबीआई ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला आने के लगभग नौ माह बाद 18 फरवरी, 2011 को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। सीबीआई ने अपनी अपील में कहा था कि आडवाणी के अतिरिक्त अन्य लोगों को आपराधिक साजिश से मुक्त करने का फैसला इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 12 फरवरी, 2001 के फैसले के विपरीत है।

इस मामले में आडवाणी, जोशी, कल्याण सिंह, उमा के अतिरिक्त विनय कटियार, विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, हरि डालमिया, साध्वी ऋतंभरा, महंत अवैद्यनाथ को भी आरोपी बनाया गया था। कल्याण विवादित ढाचा ढहाए जाने के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। चूंकि गिरिराज किशोर और महंत अवैद्यनाथ का निधन हो चुका है, लिहाजा आरोपियों की सूची से इनके नाम हटा दिए जाएंगे।

नेशनल

महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?

अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”

अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।

 

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