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बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना एक पुनीत कार्यः मनोज पाण्डेय
लखनऊ। बालिका शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रखर योगदान के चलते जगद्गुरू कृपालु परिषत् की अध्यक्षा सुश्री विशाखा त्रिपाठी को एक बार फिर सम्मानित किया गया है। राजधानी लखनऊ में कैबिनेट मंत्री मनोज पाण्डेय ने आईनेक्स्ट अचीवर्स अवार्ड में सुश्री त्रिपाठी को बालिका शिक्षा के प्रति उनके समर्पण के लिए अवार्ड प्रदान किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए काबीना मंत्री मनोज पाण्डेय ने कहा कि बालिका शिक्षा के क्षेत्र में कुण्डा जैसे पिछड़े इलाके को अपने त्याग और समर्पण से सिंचित करके सुश्री विशाखा त्रिपाठी ने ऐसा पुनीत कार्य किया है जिसे सम्मानित कर मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। जगद्गुरू कृपालु परिषत् और सुश्री त्रिपाठी के सद्कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए मनोज पाण्डेय ने कहा कि जेकेपी शिक्षा और चिकित्सा सहित समाजसेवा के जो अन्य कार्य लगातार कर रहा है उसके लिए उनका लगातार सम्मान किया जाना चाहिए।
सुश्री विशाखा त्रिपाठी ने कहा कि बालिकाओं को शिक्षित कर हम समाज को एक नई दिशा प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि बालिका शिक्षा के बगैर कोई भी राष्ट्र वैभवशाली नहीं बन सकता। एक सभ्य व प्रगतिशील समाज के निर्माण हेतु महिलाओं का शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि महिलाएं ही समाज के संरक्षण एवं विकास की मूलाधार हैं।
परिषत् के प्रतिनिधि रामपुरी ने कहा कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जगद्गुरू श्रीकृपालु जी महाराज सदैव चिंता किया करते थे, उनके ब्रह्मलीन होने के बाद उनकी सुपुत्री ने यह बीड़ा उठा रखा है. बालिका शिक्षा के श्रीमहाराज जी द्वारा शुरु किए गए सभी कार्य अनवरत रूप से जारी रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के एक अत्यंत पिछड़े क्षेत्र प्रतापगढ़ जनपद की कुण्डा तहसील में बालिका शिक्षा की जो अलख जगद्गुरू कृपालु एजूकेशन परिषत् ने जगाई है, वह अपनेआप में बेमिसाल है। जैसा की सभी लोग जानते हैं, जगद्गुरु श्रीकृपालुजी महाराज ने लोगों की आध्यात्मिक चेतना जगाने के साथ-साथ समाजसेवा के क्षेत्र में भी अनेकानेक मील के पत्थर स्थापित किए हैं। क्षेत्र में श्रीमहाराज जी की प्रेरणा से निःशुल्क चिकित्सालय, निःशुल्क विद्यालय तो वर्षों से चल ही रहे हैं इसके अतिरिक्त समय-समय पर विधवा भोज, प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता, निःशुल्क चिकित्सा शिविर आदि समाजसेवा के कार्य श्रीकृपालु परिषत् द्वारा किए जाते हैं।
श्रीमहाराज जी के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके द्वारा चलाए जा रहे सभी सेवा कार्यों को उनकी ज्येष्ठ सुपुत्री व जगद्गुरू कृपालु परिषत् की अध्यक्षा सुश्री विशाखा त्रिपाठी ने बाखूबी संभाला है। हालांकि श्रीमहाराज जी ने स्वयं ही सुश्री विशाखा त्रिपाठी को संपूर्ण दायित्व सौंप दिया था, जिसका वे आज तक पूरी संजीदगी व जिम्मेदारी से निर्वहन कर रही हैं।
जहां तक बालिका शिक्षा का सवाल है तो जगद्गुरू कृपालु एजूकेशन परिषत् प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट स्तर तक की निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था अपने विद्यालयों में करता है। यही नहीं इन विद्यालयों में बड़ी संख्या अल्पसंख्यक समाज के बालिकाओं की भी है, जिससे ये विद्यालय सांप्रदायिक सौहार्द की भी एक मिसाल बन जाते हैं। परिषत् इन छात्राओं को विद्यालय आने-जाने के लिए निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था करता है। शिक्षा से संबंधित सभी सामग्रियां भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं। इन विद्यालयों में पांच हजार से अधिक छात्राएं शिक्षा प्राप्त करती हैं।
ऐसा नहीं हैं कि इन विद्यालयों में सिर्फ सामान्य शिक्षा देकर अपने कर्तब्यों की इतिश्री कर ली जाती है। यहां व्यावसायिक पाठ्यक्रम जैसे बीएड, एमबीए आदि की पढ़ाई करवाकर छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाता है। छात्राओं को पढ़ाई से संबंधित सभी सामग्रियां उपलब्ध कराने के साथ-साथ परिषत् उनके विद्यालय आने-जाने की व्यवस्था भी खुद ही करता है।
इस पिछड़े क्षेत्र में बालिका शिक्षा के प्रति लोगों के कम रूझान के मद्देनजर परिषत् के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से अपनी बेटियों को शिक्षित करने के प्रति जागरूक भी करते हैं और उनको परिषत् के विद्यालयों में निःशुल्क प्रवेश दिलाने के लिए प्रेरित भी करते हैं।
बालिका शिक्षा जैसे पुनीत कार्य के प्रति ‘बड़ी दीदी’ सुश्री विशाखा त्रिपाठी के समर्पण को देखते हुए ओपन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी आफ कॉमप्लिमेन्ट्री मेडिसिन्स, कोलंबो के 52वें अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा 7 जून 2014 को उन्हे डी.लिट्. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। ऑल इंडिया दलित मुस्लिम मोर्चा ने बिना किसी भेदभाव के 65 फीसदी मुस्लिम छात्राओं को अपने विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए सुश्री विशाखा त्रिपाठी को सम्मानित किया। इसके अलावा बड़ी दीदी को 2013 में इकोनॉमिक ग्रोथ सोसाइटी द्वारा मदर टेरेसा अवॉर्ड, 2014 में नेल्सन मंडेला पीस अवॉर्ड, नारी सम्मान अवॉर्ड सहित अनेकों अवॉर्डों से सम्मानित किया जा चुका है।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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