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बिहार : इस बार चुनाव में दोस्त-दुश्मन व दुश्मन-दोस्त दिखेंगे
पटना| चुनाव आयोग द्वारा रविवार को सितंबर-अक्टूबर में बिहार विधानसभा चुनाव कराने के संकेत दिए जाने के साथ ही बिहार के सभी राजनीतिक दल ‘चुनावी मोड’ में नजर आने लगे हैं। सभी राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहने की बाात कर रहे हैं। वैसे बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में तय है कि पिछले चुनाव के दोस्त दुश्मन नजर आएंगे और पिछले चुनाव के दुश्मन हाथ थामे रहेंगे।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा और जनता दल (युनाइटेड) जहां साथ चुनाव लड़े थे, इस चुनाव में तय है कि ये दोनों दल आमने-सामने होंगे, वहीं 20 वर्ष से अलग-अलग राजनीति कर रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद गले मिल चुके हैं। दलों में विलय में तकनीकी अड़चन आने के बाद सीटों का तालमेल कर चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे हैं। वैसे, अब तक सीटों के बंटवारे को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है।
पिछले चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) राजद के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी परंतु लोकसभा चुनाव में लोजपा ने राजग का दामन थाम लिया था। तय माना जा रह है कि लोजपा अगले चुनाव में भाजपा के ही साथ चुनाव मैदान उतरेगी। कांग्रेस के नेता अभी तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं दे रहे हैं, परंतु कांग्रेस अगर राजद और जद (यू) के साथ चुनाव मैदान में नजर आए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे।
इधर, आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश के कभी करीबी रहे जीतन राम मांझी और राजद से निष्कासित सांसद पप्पू यादव भी मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। मांझी जहां हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) बनाकर सभी 243 सीटों पर लड़ने का ऐलान कर चुके हैं, वहीं पप्पू यादव ने ‘जनक्रांति अधिकार मोर्चा’ बनाकर खुद को राजद का असली वारिस बताकर राजद के लिए परेशानी उत्पन्न कर दी है।
गौरतलब है कि मांझी ने ऐसे किसी भी दल या गठबंधन में शामिल होने से इनकार कर दिया है, जिसमें नीतीश कुमार होंगे, वहीं पप्पू ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश और लालू के गठबंधन से किसी प्रकार का चुनावी तालमेल नहीं होगा। ऐसे में यह तय है कि विधानसभा चुनाव में मांझी, नीतीश के जद (यू) के सामने होंगे, वहीं पप्पू राजद को हराने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे।
इधर, दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए बिहार विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, वहीं भाजपा से अलग अन्य दल एका करने में जुटे हैं। भाजपा के लिए यह चुनाव कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पिछले माह ही पटना पहुंचकर चुनावी बिगुल फूंक चुके हैं।
बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह कहते हैं, “जद (यू) की कोशिश है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ ही राज्य सरकार समर्थक सभी दल यानी कांग्रेस और वामदल भी मिलकर चुनाव लड़ें। जद (यू)-राजद में वार्ता चल भी रही है।”
वैसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल लोजपा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने साफ कर दिया है कि राजग पूरी तरह एक है। वैसे अब तक गठबंधन और तालमेल को लेकर किसी दल ने भी औपचारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं की है।
पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डालें तो जद (यू) ने 141 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें 115 उम्मीदवार विधानसभा पहुंच सके थे, जबकि भाजपा ने 102 सीटों में से 91 सीटों पर विजय पताका फहराया था।
राजद ने 168 प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 22 जीते, जबकि लोजपा के 75 उम्मीदवारों में से तीन ही विजयी हो सके थे। कांग्रेस ने सभी 243 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, परंतु उसकी झोली में मात्र चार सीटें ही आई थीं। वामदलों ने 56 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन एक प्रत्याशी ही जीत सका।
इधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी कहते हैं कि राजग विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह तैयार है। राजद-जद (यू) विलय कर ले या गठबंधन, राजग मुकाबले को तैयार है।
IANS News
सीएम विष्णुदेव साय ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को देखने के लिए अपनी धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय समेत परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रायपुर के मॉल पहुंचे
रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को देखने धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय समेत परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रायपुर के मॉल पहुंचे। इस दौरान फिल्म की डायरेक्टर एकता कपूर और फिल्म की नायिका रिद्धि डोगरा भी उपस्थित थीं। बताते चलें कि इस फिल्म में 22 साल पहले गुजरात के गोधरा में हुए ट्रेन हादसे की कहानी की सच्चाई को दिखाने की कोशिश की गई है।
मुख्यमंत्री साय ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री करने की घोषणा की है। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरूण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी उनके साथ फिल्म देखने पहुंचे थे।
‘द साबरमती रिपोर्ट’ की पीएम मोदी ने की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म का जिक्र करते हुए कहा कि एक फर्जी कहानी सीमित समय तक ही चल सकती है. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक उपयोगकर्ता की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘बहुत बढ़िया कहा आपने. यह अच्छी बात है कि यह सच्चाई सामने आ रही है और वह भी इस तरह से कि आम लोग इसे देख सकें. एक झूठी कहानी सीमित समय तक ही चल सकती है. आखिरकार, तथ्य हमेशा सामने आते हैं.’’प्रधानमंत्री ने अपनी पोस्ट में फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की प्रशंसा भी की थी.
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