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प्रादेशिक

बिहार : जद (यू) के 4 बागी विधायकों की नहीं बची सदस्यता

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पटना | पटना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अपनी ही एकल खंडपीठ के फैसले को पलटते हुए बिहार विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को बरकरार रखा। फैसले के मुताबिक, सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के चार बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता अब खत्म मानी जाएगी। पटना उच्च न्यायलय के न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की दो सदस्यीय खंडपीठ ने विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के पूर्व में लिए फैसले में कोई त्रुटि नहीं पाई और इन बागी विधायकों की सदस्यता खत्म किए जाने को सही ठहराया।

अदालत के ताजा फैसले से जिन बागी विधायकों को झटका लगा है, वे हैं-ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, नीरज सिंह बबलू, रवींद्र राय और राहुल शर्मा। विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले वर्ष एक नवंबर को जद (यू) नेतृत्व के आवेदन पर इन चारों विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। उनके इस फैसले को बागी विधायकों ने पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ज़े पी़ शरण की एकल खंडपीठ ने इस वर्ष छह जनवरी को अपने फैसले में जद (यू) के बागी विधायकों की सदस्यता बहाल रखने का आदेश दिया था।

इसके बाद एकल खंडपीठ के इस फैसले को जद (यू) के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इस पर दो सदस्यीय खंडपीठ ने फैसला देकर विधानसभा अध्यक्ष का मान रखा है। फैसला पलटने से आहत बागी नेता ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने सर्वोच्च न्यायालय की शरण में जाने का संकेत दिया है। उल्लेखनीय है कि इन चारों विधायकों ने पिछले वर्ष 19 जून को बिहार में राज्यसभा की दो सीटों के लिए हुए उपचुनाव के दौरान पार्टी के निर्णय के खिलाफ मतदान किया था।

उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत

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नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।

मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत

कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।

बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।

 

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