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बिहार : ट्रैकसूट न होने से तिलका मांझी विवि के खिलाड़ी मार्च पास्ट से वंचित

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दरभंगा, 13 नवंबर (आईएएनएस)| ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (एलएनएमयू) में चल रही पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय पुरुष कबड्डी प्रतियोगिता के मार्च पास्ट में ट्रैकसूट नहीं होने के कारण तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमयू) के खिलाड़ी मार्च पास्ट में शामिल नहीं हो सके। आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने ट्रैकसूट उपलब्ध नहीं कराए, जिसके कारण खिलाड़ियों का मार्च पास्ट में शामिल होने का सपना पूरा नहीं हो सका। विश्वविद्यालय प्रशासन हालांकि इन आरोपों को राजनीति के तहत बदनाम करने की साजिश बता रहा है।

पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय पुरुष कबड्डी प्रतियोगिता में 11 राज्यों की करीब 45 टीमें भाग ले रही हैं। रविवार से प्रारंभ पांच दिवसीय इस प्रतियोगिता में मार्च पास्ट मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा।

इस मार्च पास्ट में आत्मविश्वास से लबरेज सबसे आगे भुवनेश्वर के उत्कल विश्वविद्यालय की टीम के खिलाड़ी चल रहे थे। दो पंक्तियों में कतारबद्घ इस टीम के नेतृत्वकर्ता ने केसरिया रंग का झंडा थाम रखा था। इसके पीछे यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ बंगाल की टीम और झारखंड के रांची विश्वविद्यालय की टीम लाल झंडे के साथ चल रही थी। चौथे नंबर पर वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की टीम ने केसरिया रंग के झंडे के साथ और कल्याणी विश्वविद्यालय की भी टीम ने इसी रंग के झंडे के साथ मार्च पास्ट किया।

सबसे पीछे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के खिलाड़ी हल्के आसमानी रंग का झंडा लिए चल रहे थे।

इस बड़े आयोजन में मार्च पास्ट से तिलका मांझी विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों को वंचित रहना पड़ा। कुछ खिलाड़ियों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उन्हें इस आश्वासन के साथ यहां भेजा गया था कि बाजार से ट्रैकसूट खरीदकर दे दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

यही नहीं खिलाड़ियों का कहना है कि खेल प्रारंभ होने के आधा घंटे के पहले ही उन्हें जर्सी उपलब्ध कराई गई। खिलाड़ी कहते हैं कि अभी भी उनकी जर्सी पर टीम का नाम तक नहीं लिखा है। वहीं, इन अव्यवस्थाओं के बावजूद अपने पहले ही मैच में तिलका मांझी विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने उड़ीसा के के.के विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों को 52-24 अंकों से हराकर अगले दौर में प्रवेश कर लिया।

इधर, तिलका मांझी विश्वविद्यालय के खेल विभाग के सचिव सदानंद झा ने आईएएनएस को सोमवार को बताया कि विश्वविद्यालय को बदनाम करने की साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने हालांकि दबी जुबान यह स्वीकार किया कि तैयारी में कुछ कमियां रह जाती हैं, जिसे समय रहते पूरा कर लिया जाता है। उनका कहना है कि बच्चे उत्साहित हैं और पहला मैच भी जीत चुके हैं।

वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन के खेल के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण मध्य प्रदेश के रीवा में 14 नंवबर से प्रारंभ होने वाले अंतर विश्वविद्यालय महिला कबड्डी प्रतियोगिता में भी तिलका मांझी के खिलाड़ी नहीं भेजे गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए खिलाड़ियों का चयन और तैयारी के लिए कैंप तक का आयोजन कर लिया गया था।

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नेशनल

गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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