प्रादेशिक
बिहार : लुभा रहे हैं ‘मोदी मुखौटा’ व ‘मोदी पिचकारी’
पटना| देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होली के मौके पर भले ही देश के किसी दूसरे क्षेत्र में रहेंगे, लेकिन बिहार में मोदी पिचकारी होली के मौके पर लोगों को रंगों से सराबोर करने वाली हैं। जी हां, इस होली में बच्चे मोदी मुखौटा लगाकर होली के दिन गलियों में लोगों को मोदी पिचकारी से रंग डालते नजर आएंगे।
पटना तथा आसपास के क्षेत्रों में होली के मौके पर पिचकारी, रंगों अबीर-गुलाल के बाजार सज गए हैं। इसके अलावा गली-मोहल्लों में कई छोटी-छोटी अस्थायी दुकानों पर भी मोदी पिचकारियों की भरमार है। इस वर्ष जहां फैंसी पिचकारी की भरमार है वहीं चीनी पिचकारियोंका जादू ग्राहकों पर छाया है।
इस वर्ष गन और कार्टून किरदार से बाहर निकलकर, चीनी पिचकारियों में नई तरह की आई पिचकारी पोकी मॉन, एंग्री बर्ड, बार्बी, सूसू ब्वॉय टॉम एंड जेरी के साथ-साथ त्रिशूल, तितली, गणेशजी की पाइप सहित एक दर्जन से अधिक तरह की पिचकारियों बच्चों और ग्राहकों की पसंद बनी हुई हैं।
पिचकारियों के अलावा दुकानों पर अलग-अलग तरीके के मुखौटे भी सजे हैं और इनमें बच्चों से लेकर बड़ों तक की दिलचस्पी देखी जा रही है। बच्चों को जहां राक्षस और जानवरों वाले मुखैाटे पसंद आ रहे हैं, वहीं बड़ों में को नरेंद्र मोदी और हनुमान जी आदि के चेहरे वाले मुखौटों की मांग ज्यादा है।
पटना के बोरिंग रोड के एक पिचकारी विक्रेता अभिनव प्रकाश कहते हैं कि इस वर्ष नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाली पिचकारियों की मांग सबसे अधिक हो रही है। वहीं मोदी मुखैाटा भी बच्चों और बड़ों की पहली पसंद है। उन्होंने बताया कि बाजार में 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की पिचकारी उपलब्ध है।
इधर, पटना में पिचकारी कर थोक मंडी मच्छरहट्टा में पिचकारी के कारोबार से जुड़े अखिलेश बताते हैं कि पटना के कारखानों में बनी पिचाकरियां तो दुकानों में ही हैं, इसके साथ मुंबई और दिल्ली की बनी पिचकारियां भी पटना के बाजर में उपलब्ध होती हैं।
उन्होंने बताया कि यहां से बिहार के सभी जिलों में पिचकारियां बिक्री के लिए जाती ही हैं, इसके साथ झारखंड के कई बाजारों के व्यापारी भी यहां से पिचकारियां ले जाते हैं।
अखिलेश ने बताया कि कि फैंसी पिचकारियां 25 रुपये से 500 रुपये तक में बिक रही हैं, जबकि पटना की बनी पिचकारियों की कीमत 100 से 450 रुपये तक के बीच है। चीनी पिचकारियों की मांग बढ़ने के कारण इनकी कीमत भी बढ़ी हुई है। पटना के बाजारों में चीनी पिचकारियां 200 रुपये से लेकर 550 रुपये तक में उपलब्ध हैं।
पिचकारी खरीदने आई सेंट कैरेंस स्कूल की सातवीं कक्षा की छात्रा आकांक्षा कहती हैं, “होली आने वाली है। मुझे होली पसंद है। हर साल नई पिचकारी खरीदती हूं। इस बार दुकान में कार्टून और मोदी पिचकारी मिल रही है।”
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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