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बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में रही तेजी (साप्ताहिक समीक्षा)

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मुंबई, 16 दिसंबर (आईएएनएस)| बीते सप्ताह शेयर बाजार में तेजी रही, जिसमें गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के एक्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बहुमत मिलने के अनुमान का मुख्य योगदान रहा। निवेशकों ने अमेरिकी फेड रिजर्व द्वारा इस साल तीसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले को घबराहट दिखाए बिना स्वीकार किया है और इससे बाजार में कोई तेज उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिला। साथ ही इससे निवेशकों को अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती की राह पर होने का आश्वासन मिला है।

बीते सप्ताह पांच कारोबारी सत्रों में से तीन में सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी रही। हालांकि शेयर बाजारों में बिकवाली का दवाब बना रहा। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 212.67 अंकों या 0.64 फीसदी की तेजी के साथ 33,462.97 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 67.60 अंकों या 0.66 फीसदी की तेजी के साथ 10,333.25 पर बंद हुआ।

बीएसई का मिडकैप सूचकांक 69.64 अंकों या 0.41 फीसदी की गिरावट के साथ 16,974.72 पर तथा स्मॉलकैप सूचकांक 41.23 अंकों या 0.23 फीसदी की गिरावट के साथ 18,170.64 पर बंद हुआ।

सोमवार को बाजार की सकारात्मक शुरुआत हुई और सेंसेक्स 205.49 अंकों या 0.62 फीसदी की तेजी के साथ 33,455.79 पर बंद हुआ। मंगलवार को शेयर बाजार में गिरावट के दौर रहा और सेंसेक्स 227.80 अंकों या 0.68 फीसदी की गिरावट के साथ 33,227.99 पर बंद हुआ। बुधवार को शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा और सेंसेक्स 174.95 अंकों या 0.53 फीसदी की गिरावट के साथ 33,053.04 पर बंद हुआ।

गुरुवार को भी बाजार में तेज उतार-चढ़ाव का दौरा जारी रहा और सेंसेक्स 193.66 अंकों या 0.59 फीसदी की तेजी के साथ 33,246.70 पर बंद हुआ। शुक्रवार को बाजार में अच्छी तेजी रही और सेंसेक्स 216.27 अंकों या 0.65 फीसदी की तेजी के साथ 33,462.97 पर बंद हुआ।

बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे – ल्यूपिन (4.86 फीसदी), डॉ. रेड्डी (8.55 फीसदी), एचडीएफसी (1.80 फीसदी), एक्सिस बैंक (1.04 फीसदी), कोटक महिंद्रा बैंक (1.99 फीसदी), विप्रो (1.71 फीसदी), इंफोसिस (2.19 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (6.75 फीसदी), एचडीएफसी (2.72 फीसदी) और आईटीसी (1.17 फीसदी)।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे – सिप्ला (4.60 फीसदी), सन फार्मा (0.63 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.29 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (0.13 फीसदी), टीसीएस (2.04 फीसदी), टाटा स्टील (0.27 फीसदी), भारती एयरटेल (1.17 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (0.11 फीसदी) और लार्सन एंड टूब्रो (1.31 फीसदी)।

व्यापक आर्थिक मोर्चे पर, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति की दर नवंबर में बढ़कर 3.93 फीसदी रही, जोकि अक्टूबर में 3.59 फीसदी थी और साल 2016 के नवंबर में 1.82 फीसदी थी।

वहीं, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 4.88 फीसदी पर रही, जबकि अक्टूबर में यह 3.58 फीसदी थी। इस दौरान देश के औद्योगिक उत्पादन में अक्टूबर में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 2.2 फीसदी की वृद्धि रही।

वैश्विक मोर्चे पर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को खत्म हुई अपनी दोदिवसीय मौद्रिक नीति बैठक के बाद ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जो कि वैश्विक शेयर बाजारों द्वारा व्यापक रूप से अपेक्षित था। इसमें अमेरिका में केंद्रीय बैंक की प्रमुख ब्याज दरें 1.25 फीसदी से 1.50 फीसदी हो गई है।

फेड रिजर्व ने इसके अलावा अमेरिकी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि दर का अनुमान 2.1 फीसदी से बढ़ाकर 2.5 फीसदी कर दिया है। साथ ही मुद्रास्फीति का अनुमान 1.6 फीसदी से बढ़ाकर 1.7 फीसदी कर दिया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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