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बीफ के बाद अब मोमोज का नंबर, लगेगा बैन!

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नई दिल्ली। मोमोज बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक सडक़ों के किनारे बिकता है, बड़े होटलों से लेकर छोटे स्तर के होटलों में हर जगह दिखता है। लोग इसे चाव से खाना पसंद करते हैं लेकिन बीजेपी के एक नेता मोमोज को तुरंत बैन कराना चाहते है। इसके लिए जम्मू कश्मीर के बीजेपी नेता ने कैम्पेन चला रखा है।

जम्मू-कश्मीर से बीजेपी के विधान परिषद सदस्य रमेश अरोड़ा का कहना है कि मोमोज की वजह से लोगों को कई बीमारियां हो रही हैं, जिसमें कैंसर भी शामिल है। वो पिछले कुछ महीनों से इस मुद्दे को उठा रहे हैं और चाहते हैं कि कम से कम उनके राज्य में मोमोज बैन होना चाहिए।

भाजपा एमएलसी नेता रमेश अरोड़ा का मानना है कि मोमोज आंतों के कैंसर सहित जीवन को नुकसान पहुंचाने वाली कई बीमारियों का मूल कारण हैं। इसका कारण है मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) की मौजूदगी जो मुख्य रूप से एजिनोमोटो के रूप में जानी जाती है, यह खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले एक रासायनिक पदार्थ है जो कि स्वाद को बढ़ाने में काम आता है।

बीजेपी नेता के मुताबिक मोमोज शराब और नशीली दवाओं से ज्यादा खतरनाक है। इससे मेमोरी लॉस की समस्या भी हो सकती है। इसलिए इस पर बैन लगना चाहिए।

मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, अरोड़ा ‘बांग्लादेशी और बर्मीज़ सहित अनेक विदेशियों” से चिंतित है कि वे मोमो बनाने और बेचने के कारोबार में लगे हुए हैं। अपने अभियान को लेकर उन्होंने हाल ही में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बली भगत से भी मुलाकात की और मोमोज और चीनी स्ट्रीट फूड पर रोक लगाने की मांग की है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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