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ऑफ़बीट

बीफ पर बैन से कम होगी ग्लोबल वॉर्मिंग

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गोमांस, गोहत्यान, अमेरिकी शोधकर्ताओं, बीफ

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बेंगलुरू। गोमांस और गोहत्या का मुद्दा इन दिनों भारत में जोरों पर है, लेकिन अमेरिकी शोधकर्ताओं की ओर से किए गए ताजा अध्ययन से पता चलता है कि यह वास्तव में ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने में मददगार हो सकता है।

गोमांस, गोहत्यान, अमेरिकी शोधकर्ताओं, बीफ

अमेरिका के चार विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं की एक टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गोमांस की बजाय बींस खाने से जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) को तेजी से कम किया जा सकता है, जो जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण है।

कैलीफोर्निया की लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी (एलएलयू) से इस शोध की प्रमुख हेलेन हारवाट के अनुसार, अगर अमेरिकी लोग गोमांस की बजाय बीन्स खाना शुरू कर दें तो, उन्हें तत्काल यह अहसास होगा अमेरिका 2020 के लिए ग्रीनहाउस गैसों में कमी लाने के लक्ष्य का 50 से 75 प्रतिशत हासिल कर लेगा, वह भी वाहन या विनिर्माण क्षेत्रों पर नए मानदंड लगाए बगैर।

शोधकर्ता लंबे समय से ग्रीनहाउस गैसों में कटौती के लिए आहार पद्धति में बदलाव की बात करते रहे हैं। लेकिन अब तक आहार खपत को जलवायु परिवर्तन नीति में ऊर्जा उत्पादन और परिवहन के मानकों की तरह नहीं शामिल किया गया है।

शोधपत्रिका ‘क्लाइमेट चेंज’ के ताजा अंक में प्रकाशित 10 पृष्ठ के इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया है कि उन्होंने गोमांस की जगह बींस को आहाम में शामिल करने पर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में आने वाले परिवर्तन के लिए कैलोरी और प्रोटीन को लेकर सामान्य विश्लेषण किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी इस तरीके को जलवायु नीति के विकल्प के रूप में मान्यता नहीं मिली है, लेकिन गोमांस के स्थान पर बींस का इस्तेमाल करने से जलवायु परिवर्तन के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है और इसके दूसरे पर्यावरणीय लाभ भी हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि आहार के रूप में गोवंश के जानवरों की अपेक्षा फलियों (बीन्स, मटर) के उत्पादन में 40 गुना कम ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है।

शोधार्थियों के अनुसार, “हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि मांसाहार खाद्य के स्थान पर पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थो का उत्पादन जलवायु परिवर्तन का जोखिम कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा
सकता है।”

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पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान

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नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।

बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन

पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।

अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी

 

पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।

पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स

 

पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।

लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई

अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।

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