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बीमा विधेयक पर प्रवर समिति की रपट से जेटली आशान्वित

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नई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि बीमा कानून (संशोधन) विधेयक पर राज्यसभा की प्रवर समिति द्वारा आगामी शीतकालीन सत्र में रपट पेश कर दिए जाने की संभावना है, जो सरकार के सुधारवादी कार्यक्रम को आगे बढ़ाएगी। जेटली ने सिटीबैंक निवेशक सम्मेलन में यहां यह घोषणा की।

विधेयक के कुछ प्रावधानों का कांग्रेस और वापपंथी पार्टियां विरोध कर रही हैं।

समिति से कहा गया है कि 24 नवंबर से शुरू होने वाले संसद सत्र के प्रथम सप्ताह के आखिरी दिन वह रपट पेश करे।

समिति में 15 सदस्य हैं। जिसमें से सात सदस्य विधेयक के पक्ष में हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चंदन मित्रा समिति के अध्यक्ष हैं।

समिति में कांग्रेस के तीन सदस्य हैं, जबकि एक-एक सदस्य समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और एआईएडीएमके के हैं। ये सभी कुछ निश्चित प्रावधानों के खिलाफ हैं।

यह विधेयक बीमा क्षेत्र में निजी निवेश की सीमा 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी किए जाने के बारे में हैं। विधेयक अगस्त में प्रवर समिति के हवाले किया गया था।

विधेयक यदि राज्यसभा में पारित नहीं हो पाता है, तो सरकार इसे पारित कराने के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुला सकती है।

लोकसभा में भाजपा का बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में उसके पास सिर्फ 42 सदस्य हैं। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास राज्यसभा में कुल 57 सदस्य हैं, जबकि कांग्रेस के 69 सदस्य हैं।

विधेयक पहले कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने सदन में पेश की थी। कांग्रेस का कहना है कि राजग ने इसमें कई संशोधन किए हैं। इसलिए इसकी गहराई से जांच करनी होगी।

संप्रग ने जब इसे राज्यसभा में पेश किया था, तब भाजपा ने इसका विरोध किया था।

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नेशनल

पीएम के संबोधन के बीच विपक्ष का वॉकआउट, मोदी बोले- उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं इसलिए मैदान छोड़कर भाग गए

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा- 60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार की वापसी हुई है। यह घटना असामान्य है। कुछ लोग जानबूझकर के उससे अपना मुंह फेरकर बैठे रहे। कांग्रेस के कुछ साथियों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे दस साल हुए हैं, बीस साल बाकी है। उनके मुंह में घी शक्कर।

प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। 32 मिनट की स्पीच के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- ये मुझे नहीं, संविधान काे पीठ दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- देश वासियों ने जो आदेश दिया है, उसे वे (विपक्ष) पचा नहीं पा रहा। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं। आज इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए।

इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान हमारे लिए कोई आर्टिकल का कंपाइलेशन मात्र नहीं है। हमारे लिए संविधान की स्पिरिट और इसके शब्द बहुत मूल्यवान हैं। हमारा मानना है किसी भी सरकार के लिए नीति-निर्धारण में संविधान हमारा मार्गदर्शन करने का काम करता है।

पीएम मोदी ने कहा, मुझे याद है लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है ही, फिर संविधान दिवस क्यों मनाएं। आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों ​को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया, इसके विषय में स्कूलों और कॉलेजों विस्तार से चर्चा हो। एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे, इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं। जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि ये चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मुहर है ही, इस चुनाव में भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता का एकमात्र भरोसा हम पर होने के कारण जनता ने आने वाले सपनों को, संकल्पों को सिद्ध करने के लिए हमें अवसर दिया है। जो ये मानते हैं कि इसमें क्या है, ये तो होने ही वाला है, ये तो अपने आप हो ही जाएगा… ऐसे विद्वान हैं। ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट मोड में, रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं। ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं। लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि 10 साल के बाद किसी सरकार की वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है। कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन, मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। मैं कांग्रेस के कुछ साथियों को दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया कि यह एक तिहाई सरकार है। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।

 

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