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मुख्य समाचार

बीसीसीआई के ‘बॉस’ बन सकते हैं गांगुली, गावस्कर ने बताया सबसे बेहतर विकल्प

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Saurabh gangulyनई दिल्ली। महान भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने मंगलवार को देश के शीर्ष क्रिकेट संघ के अंतरिम अध्यक्ष पद के लिए पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली के नाम की संस्तुति की है। गौरतलब है कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू न करने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को बर्खास्त कर दिया है।

दोनों शीर्ष अधिकारियों की बर्खास्तगी के बाद बीसीसीआई के शीर्ष पद के लिए कई नाम सामने आए हैं। इनमें बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष गांगुली का नाम सबसे मजबूत माना जा रहा है। गांगुली लोढ़ा समिति की संस्तुतियों पर भी खरे उतरते हैं, क्योंकि समिति ने अपनी प्रारंभिक सिफारिशों में कहा था कि बीसीसीआई के शीर्ष पद पर किसी पूर्व खिलाड़ी को होना चाहिए।

गावस्कर ने समाचार चैनल एनडीटीवी से कहा, “बीसीसीआई में शीर्ष पद पर आसीन होने वाले कई अधिकारी हैं और उनमें से जो एक नाम मेरे जेहन में आ रहा है, वह हैं सौरभ गांगुली।”

गावस्कर ने कहा, “याद करिए, 1999-2000 में जब भारतीय क्रिकेट मैच फिक्सिंग विवाद में बुरी तरह घिर गया था, तब गांगुली को भारतीय टीम की कप्तानी सौंपी गई और वह भारतीय क्रिकेट को पटरी पर लाए।”

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि अंतरिम व्यवस्था के तहत बोर्ड के मौजूदा वरिष्ठतम उपाध्यक्ष बतौर अध्यक्ष तथा संयुक्त सचिव बतौर सचिव बोर्ड का कामकाज संभालेंगे।

गांगुली हालांकि बोर्ड के न तो उपाध्यक्ष हैं और न ही उन्होंने सीएबी में तीन वर्ष का कार्यकाल ही पूरा किया है कि उन्हें बीसीसीआई का उपाध्यक्ष बनाया जा सके।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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