प्रादेशिक
बुजुर्ग शैल देवी ने पेश की सौहाद्र्र की मिशाल
मुजफ्फरपुर| बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सरैया थाना क्षेत्र में भड़की हिंसा के वक्त जब धर्माध लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे होकर घूम रहे थे, उस वक्त एक वृद्धा ऐसी भी थी, जिसने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए अपने घर में दूसरे संप्रदाय के 10 लोगों को छिपाकर उनकी जान बचाई।
आज यह बुजुर्ग महिला उनके लोगों के लिए फरिश्ते से कम नहीं है।
सरैया थाना क्षेत्र के अजीजपुर बलियारा गांव में एक अपहृत युवक का शव मिलने के बाद भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई। हिंसा भड़कने के बाद लोग एक-दूसरे को जान से मारने पर उतारू थे। उस दौरान गांव की ही विधवा महिला शैल देवी ने दूसरे संप्रदाय के करीब 10 लोगों को अपने घर में पनाह देकर उनकी जान बचाई।
शैल देवी बताती हैं, “युवक का शव मिलने के बाद गुस्साए असंख्य लोगों ने गांव में तोड़फोड़, लूटपाट व मारकाट शुरू कर दी। कुछ लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए मेरे घर पर दस्तक दी। इन लोगों में महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे। वह उन्हें घर के अंदर ले गईं और अपनी दो बेटियों के साथ स्वयं दरवाजे की निगरानी के लिए खड़ी हो गईं।”
उपद्रवी उनके घर पर भी पहुंचे, लेकिन उन्होंने घर में किसी के न होने की कसम खाकर सबको लौटा दिया। उपद्रवियों के वहां से जाने के बाद घर में मौजूद लोगों की जान में जान आई।
हिंसक भीड़ के कहर से बचे बुजुर्ग आस मोहम्मद ने कहा, “शैल देवी हमारे लिए फरिश्ता बनकर आईं। उनके कारण ही हमारी जान बच पाई।”
शैल को अब अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है, क्योंकि कुछ उपद्रवियों को पता चल गया है कि महिला ने अपने घर में कुछ लोगों को पनाह दी थी। शैल ने अपनी चिंता जताते हुए कहा, “हम त गांव के ही लोग के जान बचइली। एमे का जुलुम कअ देली। सब कहइब कि अब तोरो जान जतउ।”
स्थानीय प्रशासन महिला को सुरक्षा देने के लिए तैयार है। मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्र ने कहा, “महिला को पूरी सुरक्षा दी जाएगी। उन्होंने समाज के लिए एक मिसाल पेश की है।”
बिहार के मंत्री शाहिद अली खान कहते हैं कि शैल की बहादुरी के लिए सरकार उन्हें पुरस्कार से सम्मानित करेगी। इसके लिए वह मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से बात करेंगे।
उल्लेखनीय है कि अजीजपुर बलियारा गांव में रविवार को एक अपहृत युवक का शव मिलने के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई। कई घर फूंक दिए गए व तोड़फोड़ की गई थी।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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