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प्रादेशिक

बेंगलुरू निकाय चुनाव में भाजपा की जीत, मोदी ने सराहा

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बेंगलुरू। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बेंगलुरू नगर निगम चुनाव में लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर ली है, जबकि राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही। अधिकारियों के मुताबिक, कुल 198 वार्डो में से 196 वार्डो के चुनाव परिणाम आ चुके हैं, जिसमें भाजपा को 88 सीटों पर जीत मिली है और 11 सीटों पर पार्टी उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरू नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली जीत की यह कहते हुए सराहना कि उनकी पार्टी में लोगों का यह भरोसा ‘सुखद और आनंददायक’ है।

कांग्रेस के खाते में अब तक 71 सीटें गई हैं और पांच वार्डो पर उसकी बढ़त बनी हुई है। जनता दल (सेकुलर) को 13 वार्डो पर जीत मिली है, जबकि आठ वार्ड निर्दलीय प्रत्याशियों के खाते में गए। होंगासांद्रा (वार्ड संख्या 189) से कांग्रेस के प्रत्याशी के. माहेश्वरी का जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने के बाद भाजपा प्रत्याशी भारती रामचंद्र निर्विरोध चुन लिए गए। बेंगलुरू के 197 वार्डो पर शनिवार को मतदान हुआ था, जिसमें 49.3 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। 50 फीसदी वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित थे और सभी वार्डो को मिलाकर कुल 1,120 प्रत्याशी मैदान में थे।

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उत्तर प्रदेश

कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाला 150 साल पुराना ब्रिटिश कालीन पुल ढहा, किसी तरह की जनहानि नहीं

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उन्नाव। उन्नाव-कानपूर को जोड़ने वाला गंगा नदी पर बना ब्रिटिश शासनकाल का ऐतिहासिक पुल मंगलवार को ढह गया। गनीमत रही कि पुल तीन साल पहले ही जर्जर स्थिति के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके कारण किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।

कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाला यह पुल कभी लोगों की लाइफ लाइन था और हजारों लोग इसी पुल के जरिए हर रोज आवागमन करते थे।2021 में पुल जर्जर होने के कारण इस पर चलने वाले आवागमन बंद कर दिया गया था। यह पुल को ब्रिटिश काल में 1874 में अवध एंड रूहेलखंड लिमिटेड कंपनी ने बनवाया गया था। रेजीडेंट इंजीनियर एसबी न्यूटन और असिस्टेंट इंजीनियर ई. वेडगार्ड की देखरेख में 800 मीटर लंबा यह पुल तैयार हुआ था। पुल की आयु 100 वर्ष बताई गई थी, लेकिन यह 150 साल तक खड़ा रहा। इसके बाद पुल की संरचना में गिरावट आनी शुरू हो गई थी।

पुल की संरचना में बड़ी दरारें आने के बाद 5 अप्रैल 2021 को मध्यरात्रि में इसे बंद कर दिया गया। दरारें खासतौर पर पुल की कानपुर तरफ की कोठियों 2, 10, 17 और 22 नंबर की कोठियों में आई थीं। पुल को फिर से चालू करने के लिए इंजीनियरों ने जांच की थी और इस पर आवागमन को चालू रखने लायक नहीं बताया था। पुल पर आवागमन बंद करने के लिए उन्नाव और कानपुर की तरफ पुल पर दीवार खड़ी कर दी गई थी।

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