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बिजनेस

बेहतर आंकड़ों से सोने में गिरावट

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शिकागो| अमेरिका में उम्मीद से बेहतर आर्थिक आंकड़ों से पैदा हुए दबाव के कारण बुधवार को न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज के कॉमेक्स खंड में सोने के वायदा भाव में गिरावट दर्ज की गई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, दिसंबर डिलीवरी वाले सोने का वायदा भाव 3.8 डॉलर या 0.35 फीसदी बढ़कर 1,070.00 डॉलर प्रति औंस हो गया।

अमेरिका के वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, अमेरिका में अक्टूबर में विनिर्मित टिकाऊ वस्तुओं के लिए नए ठेके में 6.9 अरब डॉलर या तीन फीसदी वृद्धि दर्ज की गई और अक्टूबर का यह ठेका बढ़कर 239 अरब डॉलर का रहा, जो उम्मीद से अधिक है। इससे पहले सितंबर में भी ठेके में 0.8 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी।

एक अलग रिपोर्ट में विभाग ने कहा कि अक्टूबर में अमेरिका की व्यक्तिगत आय में 68.1 अरब डॉलर या 0.4 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई, जो बाजार की उम्मीद के अनुरूप है। इस दौरान व्यक्तिगत खपत खर्च में भी 15.2 अरब डॉलर या 0.1 फीसदी वृद्धि रही।

वेतन में वृद्धि से आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ने और श्रम बाजार की सुस्ती घटने का अनुमान लगाया जा सकता है। महंगाई कम रखने पर अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का निरंतर ध्यान रहता है।

इस बीच अक्टूबर महीने में अमेरिका में एकल परिवारों के मकानों की बिक्री सालाना आधार पर 4.95 लाख हुई, जो एक महीने पहले के 4.47 लाख से 10.7 फीसदी और एक साल पहले के 4.72 लाख से 4.9 फीसदी अधिक है।

इन रिपोर्टों का सोने पर प्रतिकूल असर पड़ा।

विश्लेषकों के मुताबिक, सकारात्मक आंकड़ों से दिसंबर में फेडरल रिजर्व द्वारा दर बढ़ाने की संभावना बढ़ी है।

फेड की दर बढ़ने से निवेशक सोने से बाहर ऐसी संपत्ति में निवेश करना पसंद करते हैं, जिसमें रिटर्न मिल सके, क्योंकि सोने में निवेश से कोई ब्याज नहीं मिलता।

फेड की दर में जून 2006 के बाद वृद्धि नहीं हुई है।

प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले डॉलर का मूल्यांकन करने वाला डॉलर सूचकांक 0.2 फीसदी चढ़कर 99.80 पर पहुंच गया।

सोना और डॉलर विपरीत दिशा में चलते हैं। इसका मतलब यह है कि यदि डॉलर में तेजी आएगी तो सोने का भाव घटेगा।

दिसंबर डिलीवरी वाले चांदी का वायदा भाव भी 0.1 सेंट या 0.01 फीसदी घटकर 14.158 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।

जनवरी डिलीवरी वाले प्लेटिनम का वायदा भाव हालांकि 2.2 डॉलर या 0.26 फीसदी बढ़कर 843.90 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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