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मोदी, शाह से मिले बगैर वसुंधरा जयपुर लौटीं

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नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद को लेकर विवादों में घिरीं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में हुई नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के बाद जयपुर वापस लौट गईं। ललित की मदद को लेकर विवाद सामने आने के बाद यह वसुंधरा की पहली दिल्ली यात्रा थी। लेकिन अपेक्षा के उलट वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात नहीं कर सकीं।

वसुंधरा के एक नजदीकि सूत्र के अनुसार, नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए हेलीकॉप्टर से शनिवार सुबह राजधानी पहुंचीं वसुंधरा ने बैठक के बाद दिल्ली के अपने आवास पर कुछ वक्त बिताया, फिर वापस जयपुर रवाना हो गईं। सूत्र ने कहा कि वसुंधरा सिर्फ नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए ही दिल्ली आई थीं और इसके अलावा उनका अन्य कोई कार्यक्रम नहीं था।

हालांकि राजनीतिक विश्लेषक मोदी और शाह से उनकी मुलाकात न हो पाने को पार्टी नेतृत्व द्वारा उनसे कन्नी काटे जाने के तौर पर देख रहे हैं। भाजपा सूत्रों ने बताया कि विपक्षी पार्टियों के निशाने पर चल रहीं वसुंधरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करना चाहती थीं, ताकि ललित मोदी मामले पर वह अपने पक्ष से पार्टी नेतृत्व को अवगत करा सकें।

भाजपा के एक सूत्र ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी नेतृत्व द्वारा मिलने से इनकार किए जाने के बाद उन्होंने जयपुर वापस जाना ही उचित समझा।” सूत्र ने आगे बताया, “वह निश्चित तौर पर फिर से केंद्रीय नेतृत्व से मिलने की कोशिश करेंगी, और अगले कुछ दिनों में अपने निकटवर्ती लोगों को पार्टी नेतृत्व से मुलाकात करने के लिए भेज सकती हैं।” राजस्थान की भाजपा इकाई भी पूरी तरह मुख्यमंत्री के समर्थन में है और उनका कहना है कि विपक्ष द्वारा मुख्यमंत्री पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौर ने कहा है, “पार्टी पूरी तरह मुख्यमंत्री के समर्थन में है। उनके इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं उठता।” गौरतलब है कि विपक्षी दल ललित मोदी को ब्रिटिश आव्रजन दस्तावेज हासिल करने में मदद करने के आरोप में वसुंधरा के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। उस समय वसुंधरा राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थीं तथा प्रवर्तन निदेशालय कर चोरी मामले में ललित मोदी की जांच कर रहा था।

इससे पहले, मोदी और शाह के बीच शुक्रवार को एक बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि वसुंधरा नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी शुक्रवार को शाह तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और वसुंधरा के खिलाफ विपक्ष के लगातार हमले को लेकर पार्टी की रणनीति बनाने पर चर्चा की थी। इन बैठकों के बाद वसुंधरा के इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्षी दल कांग्रेस के दबाव के बावजूद उनका समर्थन जारी रखने का फैसला किया गया।

बैठक से जुड़े भाजपा के एक सूत्र ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “बैठक में इस पर भी चर्चा की गई कि ललित मोदी के खिलाफ जारी ब्ल्यू कॉर्नर नोटिस को कैसे रेड कॉर्नर नोटिस में तब्दील किया जाए। यदि ललित के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है तो उन्हें किसी भी देश में हिरासत में लिया जा सकता है।”

नेशनल

महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?

अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”

अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।

 

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