Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

ब्राजील में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर

Published

on

Loading

ब्राजील में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पररियो डी जनेरियो । ब्राजील में सितंबर से नवंबर तक बेरोजगारी दर 11.9 फीसदी रही है। देश की सांख्यिकीय एजेंसी आईबीजीई के मुताबिक, 2015 की तुलना में इस नई दर में सालाना आधार पर अत्यधिक वृद्धि हुई है। 2015 में इसी अवधि में बेरोजगारी दर नौ प्रतिशत थी।

आईबीजीई के मुताबिक, बेरोजगारी दर का मतलब है कि इस समीक्षाधीन अवधि के दरौान 1.21 करोड़ लोग बेरोजगार रहे, जो पिछले साल के मुकाबले 33.1 फीसदी अधिक है।

रोजगार प्राप्त लोगों की संख्या में 2.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 9.02 करोड़ रही। निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त लोगों की संख्या 3.7 फीसदी की गिरावट के साथ 3.41 करोड़ रही।

आईबीजीई के मुताबिक, कृषि, उद्योग, वित्तीय सेवाओं, निर्माण और रियल एस्टेट जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर अत्यधिक रही है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending