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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिक्स को बढ़ावा देने को पीएम मोदी ने रखे कई प्रस्ताव

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उफा (रूस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए गुरुवार को सदस्य देशों के बीच फिल्म फेस्टिवल, सालाना व्यापार मेला व फुटबॉल टूर्नामेंट सहित कई प्रस्ताव रखे। सातवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में यहां ब्रिक्स पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करते हुए मोदी ने ‘दस कदम : भविष्य के लिए 10 कदम का प्रस्ताव रखा।’

इनमें एक व्यापार मेला, एक रेलवे अनुसंधान केंद्र, सर्वोच्च ऑडिट संस्थानों के बीच सहयोग, एक डिजिटल पहल, एक कृषि अनुसंधान केंद्र, ब्रिक्स राष्ट्रों के बीच एक राज्य/स्थानीय सरकारों का मंच, शहरीकरण में शहरों के बीच सहयोग, एक खेल परिषद तथा एक सालाना खेल टूर्नामेंट शामिल है। नए विकास बैंक की पहली बड़ी परियोजना स्वच्छ ऊर्जा तथा फिल्म फेस्टिवल के क्षेत्र में होगी।

मोदी ने ब्रिक्स व्यापार परिषद तथा पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि इसके पांचों सदस्य देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) को सालाना एक व्यापार मेले की मेजबानी करनी चाहिए और अगले साल भारत ऐसे मेले का उद्घाटन कर सकता है। भारत साल 2016 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

मोदी ने खेल सहयोग के हिस्से के रूप में सालाना एक फुटबॉल टूर्नामेंट का भी प्रस्ताव रखा, जो अंडर 15 होगा। साथ ही कहा कि भारत अगले साल एक फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा। मोदी ने कहा कि ब्रिक्स में फैसले आम सहमति और सहयोग के आधार पर लेने चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि सभी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न चुनौतियों से सबको मिलकर निपटना होगा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर बल दिया। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद व अतिवाद से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “मैं नए विकास बैंक को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में पहली बड़ी परियोजना को धन मुहैया कराते देखना पसंद करूंगा।”

उन्होंने ब्रिक्स फिल्म फेस्टिवल तथा फिल्म अवार्ड्स में ब्रिक्स सहयोग का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि इससे फिल्म निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को एक दूसरे से जोड़ने में मदद मिलेगी। मोदी ने ब्रिक्स देशों को भरोसा दिलाया कि आपात भंडार व्यवस्था (कंटिंजेंसी रिजर्व अरेंजमेंट) को जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि यहां गुरुवार की बैठक स्वीकार की जाने वाली ब्रिक्स आर्थिक सहयोग रणनीति इस समूह के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

मोदी ने कहा, “आज स्वीकार की जाने वाली ब्रिक्स आर्थिक सहयोग रणनीति ब्रिक्स के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।” बैठक में ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति भी मौजूद थे। ब्रिक्स आर्थिक सहयोग रणनीति का लक्ष्य ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार की सरलता के लिए रूपरेखा तैयार करना है। यह इस तरह का पहला व्यापक दस्तावेज है, जो सहयोग के भौतिक, सांस्थानिक और आम लोगों का संपर्क जैसे बिल्कुल नए क्षेत्रों को पेश करता है। आपात भंडार व्यवस्था के जरिए सदस्य देश आपस में अपने स्थानीय मुद्रा व्यापार कर सकेंगे तथा ग्रीस कर्ज संकट और चीन के शेयर बाजारों गिरावट से पैदा हुई आर्थिक सुस्ती की आशंका से इसका महत्व बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि ब्रिक्स नवीन विकास बैंक एक वास्तविकता होने जा रहा है और एक भारतीय केवी कामत इसके पहले अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच सीमा-शुल्क की व्यवस्था भी व्यापार को बढ़ावा देने में बड़ा कदम साबित होगी। रूस का बाशकोर्तोस्तान गणराज्य सातवें ब्रिक्स और 15वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक का आयोजन कर रहा है, जहां दो बैठकों में 10,000 प्रतिनिधियों के पहुंचने की संभावना है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 100 अरब डॉलर के ब्रिक्स नवीन विकास बैंक और एक अन्य 100 अरब डॉलर के मुद्रा भंडार को औपचारिक मान्यता दी जाएगी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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