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ब्रिक्स सम्मेलन: पीएम मोदी की पाक को खरी-खरी, कहा- पड़ोस में आतंक की जन्मभूमि

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modi-bricksबेनौलिम(गोवा)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्रिक्स देशों के नेताओं से आतंकवाद से निपटने और साथ ही अपने नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए एक व्यापक प्रतिक्रिया का आह्वान किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को लेकर कड़ा रुख दिखाते उसे आतंकवाद की ‘मदर शिप’ करार दिया। आतंकवाद को लेकर दोहरे रवैये पर प्रहार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इससे दुनिया को नुकसान होगा।

मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, आज हम जिस दुनिया में रहते हैं, वहां अपने नागरिकों की जिंदगी की सुरक्षा के लिए सुरक्षा और आतंकवाद रोधी सहयोग बेहद आवश्यक है।

उन्होंने कहा, आतंकवाद हमारे विकास और आर्थिक संपन्नता पर बुरा प्रभाव डालता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद की पहुंच दुनियाभर में हो गई है और यह बेहद घातक और प्रौद्योगिकी के उपयोग में माहिर हो गया है। उन्होंने कहा, इसलिए आतंकवाद के खिलाफ हमारी प्रतिक्रिया बेहद व्यापक होनी जरूरी है। हमें व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों तरीकों से कार्रवाई करनी चाहिए।
पाकिस्तान का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि आतंकवादियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में भेद करने का रवैया न केवल नतीजे नहीं देने वाला होगा, बल्कि यह अहितकर भी होगा। भारत ने उड़ी हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया है और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग करने के लिए उसपर कूटनीतिक हमला शुरू किया है।
मोदी ने रविवार को ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन में कहा कि आतंकवादियों और संगठनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए केवल अपराध ही आधार होना चाहिए। उन्होंने कहा, आतंकवादियों को वित्त पोषण, उनके हथियारों की आपूर्ति, प्रशिक्षण और राजनीतिक समर्थन को व्यवस्थित तरीके से खत्म करना जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतर-ब्रिक्स सम्मेलन का प्रभाव विस्तृत होकर आर्थिक गतिविधियों के क्षेत्र तक बढ़ गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, सुरक्षा के लिए नई चुनौतियों और जारी आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच ब्रिक्स शांति, क्षमता और वादे के प्रकाशस्तंभ के रूप में खड़ा है।
मोदी ने ब्रिक्स देशों के भीतर एक संस्था के निर्माण पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा, हम ब्रिक्स क्रेडिट रेटिंग के विचार को हकीकत में बदलने का इंतजार कर रहे हैं। मोदी ने कहा, हमें ब्रिक्स कृषि शोध केंद्र, ब्रिक्स रेलवे शोध नेटवर्क और ब्रिक्स खेल परिषद के गठन के काम को गति देनी चाहिए। उन्होंने कहा, 2015 में अंतर-ब्रिक्स व्यापार करीब 250 अरब डॉलर था। उन्होंने कहा, हमें 2020 तक इसे दोगुना करके 500 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखना चाहिए।

प्रधानमंत्री के मुताबिक, ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं के लिए शहरीकरण, बुनियादी ढांचा और नवाचार प्रमुख केंद्रबिंदु के क्षेत्र हैं। इस मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स देशों के बीच साझेदारी बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि ये पांचों देश अच्छे मित्र, भाई और साझेदार हैं, जो एक-दूसरे के साथ ईमानदारी से पेश आते हैं। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने कहा कि दुनिया के सामने नई परस्पर चुनौतियां हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए हमारे ठोस प्रयास की जरूरत है।

ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल तेमेर ने जुमा के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों की एक जैसी समस्याएं हैं और इन्हें दूर करने के लिए पांचों देशों को साथ आने की जरूरत है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच औद्योगिक सहयोग को अधिक प्रभावशाली बनाने की जरूरत है।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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